विदेश में घोलकर यूरिया का इस्तेमाल करते हैं किसान, खेतों में बना रखे हैं टैंक

ब्राजील दौरे पर कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने टमाटर, मक्का और सोयाबीन की उन्नत खेती का जायजा लिया. मैकेनाइजेशन, सिंचाई तकनीक और यूरिया मिश्रण सिस्टम से प्रभावित हुए.

धीरज पांडेय
नोएडा | Published: 18 Apr, 2025 | 08:30 AM

विदेशों में खेती करने का तरीका भारत की तुलना में काफी अलग है. यह बात केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान के ब्राजील दौरे पर पता चली है, जहां वो ब्रिक्स देशों की कृषि मंत्रियों की 15वीं बैठक में हिस्सा ले रहे हैं. लेकिन ये दौरा सिर्फ कूटनीतिक नहीं, खेती के लिहाज से भी अहम बन गया है. उन्होंने ब्राजील में सोयाबीन प्रोसेसिंग प्लांट, टमाटर फार्म और कॉर्न की खेती का दौरा किया. इस पर उन्होंने क्या कहा चलिए जानते हैं

टमाटर के साथ कॉर्न की खेती का भी अध्ययन

इस दौरान कृषि मंत्री वहां के कृषि मंत्री के साथ एक बड़े टमाटर फार्म पहुंचे,जहां हजारों हेक्टेयर में उन्नत तरीके से टमाटर की खेती हो रही थी. इसके बाद उन्होंने उसी क्षेत्र में कॉर्न की खेती भी देखी. उन्होंने बताया कि यहां अलग-अलग वैरायटी की मक्का बोई जाती है.कुछ में वायरस का अटैक देखा गया, जबकि कुछ किस्में सुरक्षित हैं. सबसे खास बात यह रही कि खेती पूरी तरह मैकेनाइज्ड है और सिंचाई की व्यवस्था भी बेहद उन्नत है. ब्राजील में मक्का की पैदावार 22 टन प्रति हेक्टेयर तक है, जो भारतीय मानकों की तुलना में काफी ज्यादा है. यह देखकर शिवराज सिंह ने माना कि इस तरह की तकनीकों को भारत में लाने की जरूरत है ताकि उत्पादन और गुणवत्ता दोनों को बेहतर किया जा सके.

भारत में सोया उत्पादन और प्रोसेसिंग पर जोर

कृषि मंत्री ने कहा कि भारत अभी ब्राजील से सोया तेल आयात करता है, लेकिन अब लक्ष्य यह है कि भारत में ही सोया प्रोसेसिंग यूनिट लगाई जाएं. इससे ना सिर्फ किसानों को दाम मिलेगा, बल्कि भारत से निर्यात भी संभव होगा.

मैकेनाइजेशन से बढ़ी उपज

ब्राजील में खेती लगभग 100 फीसदी मैकेनाइज्ड है. जहां कॉर्न की फसल में 22 टन प्रति हेक्टेयर की उपज ली जाती है. सिंचाई पूरी तरह नियंत्रित है, जहां यूरिया और पोषक तत्व मिलाकर पाइपलाइन व स्प्रिंकलर से उतना ही पानी दिया जाता है, जितनी जरूरत हो. पानी टैंक में वर्षा जल संग्रह होता है और वही पानी स्प्रिंकलर से खेतों में पहुंचाया जाता है, जिससे कम पानी में अधिक सिंचाई संभव हो पाती है.

रिसर्च और बीजों पर संयुक्त काम

शिवराज सिंह ने कहा कि ब्राजील में जो कृषि अनुसंधान चल रहा है, उसमें भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) के साथ मिलकर काम किया जा सकता है ताकि बेहतर बीज और तकनीक विकसित हों.

वसुधैव कुटुंबकम और कृषि सहयोग

कृषि मंत्री ने ब्राजील सरकार को आमंत्रित किया कि उनका प्रतिनिधिमंडल भारत आए और संभावनाओं का अध्ययन करे. उन्होंने कहा कि भारत और ब्राजील मिलकर दुनिया की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने में बड़ा योगदान दे सकते हैं.

Get Latest   Farming Tips ,  Crop Updates ,  Government Schemes ,  Agri News ,  Market Rates ,  Weather Alerts ,  Equipment Reviews and  Organic Farming News  only on KisanIndia.in

Published: 18 Apr, 2025 | 08:30 AM

भारत में फलों का राज्य किसे कहा जाता है?

Poll Results

उत्तर प्रदेश
0%
छत्तीसगढ़
0%
हिमाचल
0%
केरल
0%