अगर आप सोच रहे हैं कि जुलाई का आखिरी हफ्ता आ गया है और अब कुछ उगाना बेकार है, तो रुकिए! ऐसा बिल्कुल नहीं है. गर्मियों के आखिरी दौर और बरसात में भी कुछ ऐसी सब्जियां और फसलें होती हैं जिन्हें अब लगाया जाए तो कुछ ही हफ्तों में तैयार हो जाती हैं. यानी देर से शुरू करने के बाद भी आप अपने बगीचे और खेत से ताजी सब्जियों की भरपूर फसल ले सकते हैं. आइए जानते हैं ऐसे ही 6 तेजी से उगने वाली फसलों के बारे में, जिन्हें आप अभी भी बो सकते हैं.
1. सेम (Beans)
सेम यानी बीन्स की फसल जुलाई के आखिरी दिनों में भी लगाई जा सकती है. आप चाहें तो बेल वाली (pole beans) या झाड़ी जैसी (bush beans) किस्में चुन सकते हैं. इन्हें धूप वाली जगह और हल्की, नम मिट्टी में बोएं. बेल वाली बीन्स के लिए सहारा देना जरूरी होता है, जैसे लकड़ी की डंडी या तार. इसे तब तोड़ें जब फली पतली और नरम हो तभी तोड़ लें, नहीं तो बीज अंदर ही बड़ा हो जाएगा.
2. मूली
अगर आपको जल्दी परिणाम चाहिए तो मूली सबसे बढ़िया विकल्प है. मूली की कुछ किस्में तो 25–30 दिन में ही तैयार हो जाती हैं. मूली को ठंडी और नम मिट्टी पसंद है, लेकिन जुलाई के आखिर में भी आप इसे बो सकते हैं. हर 15 दिन में थोड़ी-थोड़ी बोआई करें, ताकि लगातार मूली मिलती रहे.
3. पालक
पालक एक हराभरा चमत्कार है जो बहुत जल्दी बढ़ता है. इसे बोने के 30–40 दिन में ही आप पत्ते तोड़ सकते हैं. इसमें आयरन और विटामिन्स भरपूर होते हैं, जो हर उम्र के लोगों के लिए फायदेमंद हैं. बस ध्यान रखें कि पालक की मिट्टी हमेशा नम रखें और बीच-बीच में निराई करते रहें.
4. लाल साग
लाल साग एक कमाल की हरी सब्जी है जो गर्मी में भी अच्छी बढ़ती है. इसे आप गमले या खेत दोनों में आसानी से उगा सकते हैं. ये भी 30–35 दिन में तैयार हो जाता है.
5. तुरई
अगर आपके पास थोड़ी जगह है तो तुरई जरूर लगाइए. ये बेल पर चढ़ती है और 45–50 दिन में तोड़ने लायक हो जाती है. इसमें पानी बहुत होता है और ये पाचन में भी हल्की होती है. बेल को चढ़ाने के लिए मचान बनाना या जाली लगाना जरूरी है. बरसात का मौसम इसकी फसल के लिए शानदार होता है.
6. भिंडी
भिंडी जुलाई में भी उगाई जा सकती है और 40–50 दिन में तोड़ने लायक हो जाती है. यह गर्मी पसंद करती है और जल्दी बढ़ती है. इसे आप गमले, थैले या जमीन में कहीं भी उगा सकते हैं. बस इस मौसम में भिंडी की फलियों को छोटा रहते ही तोड़ लें, तभी स्वाद सबसे अच्छा होता है.