हाथों में हुनर, दिल में देशभक्ति और आंखों में आत्मनिर्भर भारत का सपना…ये पंक्तियां देशभर की उन स्वयं सहायता समूह की दीदियों पर बिल्कुल सटीक बैठती हैं, जो अपने हुनर के दम पर न सिर्फ अपनी पहचान बना रही हैं, बल्कि गांवों की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती दे रही हैं. राष्ट्रीय हथकरघा दिवस के मौके पर केंद्रीय ग्रामीण विकास और कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नई दिल्ली स्थित कृषि भवन से वर्चुअली संवाद कर देशभर की लाखों दीदियों को न सिर्फ प्रेरणा दी, बल्कि स्वदेशी और स्वाभिमान के संदेश को एक नई ऊर्जा भी दी.
हथकरघा: रचनात्मकता, स्वावलंबन और आजादी का प्रतीक
शिवराज सिंह ने अपने उद्बोधन की शुरुआत करते हुए कहा कि हथकरघा केवल एक वस्त्र बनाने की तकनीक नहीं, बल्कि रचनात्मकता, स्वावलंबन और आत्मसम्मान का प्रतीक है. यह आज़ादी के आंदोलन में एक हथियार था, गांधीजी का संदेश था, और आज भी ये देश की सांस्कृतिक आत्मा को जीवंत करता है. उन्होंने कहा कि हमारे ग्रामीण कारीगरों की कला सदियों से दुनिया में मशहूर रही है और आज भी लाखों दीदियां इस परंपरा को जीवित रखे हुए हैं. हथकरघा सिर्फ रोजगार नहीं, बल्कि गौरव और संस्कृति का वाहक है.
दीदियों का कौशल: लोककला को दी नई जान
चौहान ने कहा कि स्वयं सहायता समूहों की दीदियों ने अपने अद्भुत कौशल से स्थानीय कला और संस्कृति को नया जीवन दिया है. उनके हाथों से बने उत्पाद भारत की पहचान बनते जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि इन रचनात्मक महिलाओं ने यह सिद्ध कर दिया है कि गांवों की गली से लेकर वैश्विक बाजाार तक का सफर भी हुनर और हौसले से तय किया जा सकता है. उनकी रचनाएं केवल वस्त्र या हस्तशिल्प नहीं, बल्कि संस्कृति की जीवंत तस्वीर हैं.
बाजार, ब्रांडिंग और डिजाइन: अब इन पर होगा जोर
संवाद के दौरान कई दीदियों ने बाजार और ब्रांडिंग की चुनौतियों को सामने रखा, जिस पर मंत्री ने स्पष्ट किया कि सरकार इस दिशा में गंभीरता से कार्य कर रही है. उन्होंने कहा कि आज का समय डिजाइन और ट्रेंड की मांग पर आधारित है, इसलिए दीदियों को नए डिजाइन और बाजार की जरूरतों को समझने के लिए प्रशिक्षण दिए जाएंगे. साथ ही, उत्पादों की गुणवत्ता को विश्वस्तरीय बनाए रखने का भी आह्वान किया गया.
स्वदेशी अपनाओ, आत्मनिर्भर बनाओ: प्रधानमंत्री का संदेश
शिवराज सिंह चौहान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के संदेश को साझा करते हुए कहा कि देश की अर्थव्यवस्था का आधार हमारे किसान, कारीगर और छोटे उद्यमी हैं. प्रधानमंत्री ने स्पष्ट किया है कि कोई भी अंतरराष्ट्रीय समझौता देश के हितों को नज़रअंदाज़ करके नहीं किया जाएगा. “राष्ट्र प्रथम” की भावना को अपनाना अब हमारी जिम्मेदारी बन गई है. इसी भाव के साथ वोकल फॉर लोकल अभियान को और गति दी जाएगी.
लखपति दीदियां: आत्मनिर्भरता की सच्ची तस्वीर
मंत्री ने यह भी बताया कि आज देशभर में 1.5 करोड़ दीदियां लखपति बन चुकी हैं, और 2 करोड़ की ओर तेज़ी से बढ़ रही हैं. सरकार का लक्ष्य है कि 3 करोड़ दीदियों को लखपति बनाया जाए. यह ना सिर्फ आर्थिक सशक्तिकरण का उदाहरण है, बल्कि सामाजिक प्रतिष्ठा और आत्मविश्वास की कहानी भी है। आज गांव की महिलाएं सिर्फ घर की चौखट तक सीमित नहीं, बल्कि विकास की अगली पंक्ति में खड़ी हैं.
त्योहारों में करें स्वदेशी उत्पादों का उपयोग: शिवराज सिंह का आह्वान
कार्यक्रम के समापन पर शिवराज सिंह ने देशवासियों से आग्रह किया कि आने वाले रक्षाबंधन और अन्य त्योहारों में केवल देश में निर्मित उत्पादों का ही उपयोग करें. उन्होंने कहा, हमारी आबादी ही हमारी ताकत है. यदि हर भारतीय स्वदेशी अपनाए, तो देश की अर्थव्यवस्था को नई ऊंचाई मिल सकती है. उन्होंने यह भी कहा कि स्वदेशी का मंत्र न केवल आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देगा, बल्कि बाजार में नए अवसरों के द्वार भी खोलेगा.