डेयरी प्रोजेक्ट के कमाल से दूध उत्पादन में रिकॉर्ड बढ़ोत्तरी, पशुपालन मंत्रालय ने जारी किए ताजा आंकड़े

भारत में दूध उत्पादन में बढ़ोतरी हुई है. किसानों की मेहनत, आधुनिक डेयरी प्रोजेक्ट्स और MAITRIs सेवाओं ने इसे संभव बनाया. अब पशुपालक खुश हैं और डेयरी व्यवसाय से बेहतर आमदनी कमा रहे हैं. ऐसे में आइए जानते हैं कि दूध उत्पादन में कितने फीसदी की बढ़ोतरी हुई है...

नोएडा | Published: 14 Oct, 2025 | 04:35 PM

Milk Production : भारत में दूध उत्पादन अब तेजी से बढ़ रहा है. हाल ही में पशुपालन और डेयरी विभाग ने बताया कि हमारे किसानों और पशुपालन क्षेत्र के प्रयासों की वजह से दूध उत्पादकता में करीब 25 फीसदी का इजाफा हुआ है. इसका श्रेय किसानों की मेहनत, पशुओं की देखभाल और आधुनिक डेयरी तकनीकों को दिया जा रहा है. अब किसान सिर्फ दूध बेचकर गुज़ारा नहीं कर रहे, बल्कि इसे एक मजबूत आमदनी का साधन बना रहे हैं.

किसानों की मेहनत और तकनीक का सही मेल

पिछले कुछ सालों में सरकार और डेयरी विभाग  ने किसानों को नई तकनीक, प्रशिक्षण और बेहतर सुविधाएं दी हैं. इससे किसान जानवरों की सेहत और दूध उत्पादन पर ध्यान दे पाए. MAITRIs यानी मोबाइल एडवांस्ड इन्टिग्रेटेड टेक्नोलॉजी इनिशिएटिव जैसी सेवाओं ने दूध उत्पादन की गुणवत्ता और मात्रा दोनों बढ़ाई हैं. किसान अब सिर्फ पारंपरिक तरीके पर निर्भर नहीं हैं, बल्कि आधुनिक उपकरण और स्मार्ट तकनीक से अपने डेयरी कारोबार को बढ़ा रहे हैं.

स्वस्थ पशु, ज्यादा दूध

स्वस्थ पशु ही ज्यादा दूध देते हैं. विभाग के अनुसार, अब किसानों को पशुओं  के लिए बेहतर चारा, विटामिन और दवाई की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है. इसके अलावा पशुओं की नियमित जांच और टीकाकरण भी किया जा रहा है. इसका सीधा असर यह हुआ कि गाय-भैंस अब ज्यादा समय तक स्वस्थ रहती हैं और उनका दूध उत्पादन लगातार बढ़ रहा है.

MAITRIs और आधुनिक डेयरी प्रोजेक्ट्स

MAITRIs तकनीक किसानों को मोबाइल और डिजिटल प्लेटफॉर्म  से जोड़ती है. इसमें किसान अपने पशुओं की स्वास्थ्य जानकारी, दूध उत्पादन और बिक्री रिकॉर्ड आसानी से देख सकते हैं. वहीं, आधुनिक डेयरी प्रोजेक्ट्स में ठंडी डेयरी, दूध संग्रह केंद्र और क्वालिटी कंट्रोल जैसी सुविधाएं शामिल हैं. इससे दूध खराब होने की समस्या कम हुई और किसानों को बेहतर रेट पर दूध बेचने का मौका मिला.

खुश किसान और आत्मनिर्भर भारत

जैसे-जैसे दूध उत्पादन बढ़ रहा है, किसानों की आमदनी  भी मजबूत हो रही है. अब किसान सिर्फ रोज़मर्रा की जरूरत के लिए दूध बेचने तक सीमित नहीं हैं. उन्होंने डेयरी व्यवसाय को छोटे उद्योग की तरह अपनाया है. इससे ग्रामीण इलाकों में रोजगार के नए अवसर भी बने हैं. आत्मनिर्भर भारत की दिशा में यह कदम बड़ा और प्रभावशाली साबित हो रहा है.

सरकारी योजनाओं से मिल रही मदद

सरकार ने डेयरी क्षेत्र को मजबूत बनाने के लिए कई योजनाएं चलाई हैं. इनमें पशुपालकों को सब्सिडी, प्रशिक्षण और बैंक लोन जैसी सुविधाएं दी जाती हैं. इसके अलावा राज्य और केंद्र स्तर पर कई डेयरी मिशन चलाए जा रहे हैं. इन सबका सीधा फायदा किसानों को मिल रहा है और दूध उत्पादन  की दर लगातार बढ़ रही है.

भविष्य की उम्मीदें और चुनौतियां

हालांकि दूध उत्पादन में 25 फीसदी बढ़ोतरी हुई है, लेकिन अभी भी कुछ चुनौतियां हैं. किसानों को उच्च गुणवत्ता वाला चारा, बेहतर पशु प्रबंधन  और बाजार में स्थिर रेट की आवश्यकता है. अगर ये सारी सुविधाएं समय पर मिलती रही, तो आने वाले सालों में भारत का डेयरी क्षेत्र और मजबूत हो सकता है. विशेषज्ञों का कहना है कि नए युवा किसानों और तकनीक के सही इस्तेमाल से भारत दूध उत्पादन में दुनिया के अग्रणी देशों में शामिल हो सकता है.

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