कम खर्च में करनी है मोटी कमाई तो करें ऊंट पालन, किसान डेयरी में भी बेच सकते हैं ऊंटनी के दूध

ऊंट पालन आज किसानों के लिए लाभकारी व्यवसाय बन गया है. सही देखभाल, नस्ल और सरकार की मदद से किसान आसानी से मुनाफा कमा सकते हैं. सीखें ऊंट पालन के आसान और प्रभावी तरीके.

Kisan India
नोएडा | Published: 4 Oct, 2025 | 11:30 PM

Camel Farming : आज के किसान सिर्फ खेतों तक सीमित नहीं हैं, बल्कि अब वे ऐसे पशुपालन व्यवसाय की तलाश में हैंस जिससे नियमित और अच्छा मुनाफा मिले. गाय-भैंस और बकरी पालन तो आम हो चुका है, लेकिन अब लोग ऊंट पालन (Camel Farming) की ओर भी तेजी से बढ़ रहे हैं. वजह साफ है कम खर्च और दोगुना फायदा. खास बात यह है कि सरकार भी ऊंट पालन को बढ़ावा दे रही है और इसके लिए अनुदान व ट्रेनिंग तक दी जा रही है.

ऊंट पालन क्यों है फायदेमंद?

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, ऊंट एक ऐसा पशु है जिसे पालने के लिए बहुत ज्यादा खर्च नहीं करना पड़ता. यह रेगिस्तानी इलाकों  में भी आसानी से जी लेता है और कम पानी में भी स्वस्थ रहता है. ऊंटनी का दूध बाजार में काफी महंगा बिकता है, क्योंकि इसमें औषधीय गुण पाए जाते हैं. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, ऊंटनी का दूध डायबिटीज, एलर्जी और इम्युनिटी बढ़ाने के लिए बहुत उपयोगी माना जाता है. इसके अलावा ऊंट बोझा ढोने, सवारी और खेतों में हल चलाने तक के लिए इस्तेमाल में आता है. मतलब एक ऊंट से किसान को कई तरह से फायदा मिलता है.

सरकार भी दे रही आर्थिक सहायता

ऊंट पालन को बढ़ावा देने के लिए कई सरकारी योजनाओं  के तहत अनुदान दिया जा रहा है. खासकर राजस्थान, गुजरात और हरियाणा जैसे राज्यों में सरकार किसानों को ऊंट खरीदने पर सब्सिडी दे रही है. साथ ही ऊंट के दूध को बेचने के लिए RCDF नाम की सरकारी डेयरी भी बनाई जा रही है, ताकि पशुपालकों को बाजार की तलाश में इधर-उधर न भटकना पड़े.

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, सरकार समय-समय पर किसानों के लिए कैमेल रियरिंग ट्रेनिंग (Camel Rearing Training) आयोजित करती है. इसमें किसानों को बताया जाता है कि ऊंट को क्या खिलाना है, कब टीका लगवाना  है और दूध की क्वालिटी कैसे बढ़ानी है. अगर कोई किसान ऊंट पालन शुरू करना चाहता है, तो वह नजदीकी पशुपालन विभाग या कृषि विज्ञान केंद्र से जानकारी ले सकता है.

ऊंट की कौन सी नस्ल सबसे ज्यादा कमाई कराती है?

भारत में ऊंट की कुल 9 प्रमुख नस्लें पाई जाती हैं, जिनमें राजस्थान की बीकानेरी, मारवाड़ी, जालोरी, जैसलमेरी और मेवाड़ी नस्लें सबसे ज्यादा प्रसिद्ध हैं. गुजरात में कच्छी और खरई नस्लें मिलती हैं, जबकि मध्य प्रदेश में मालवी और हरियाणा में मेवाती नस्ल पाई जाती है. इनमें से बीकानेरी और जैसलमेरी नस्ल को व्यावसायिक दृष्टि से सबसे बेहतर माना जाता है. ये ऊंट न केवल ज्यादा दूध  देते हैं बल्कि भारी सामान उठाने में भी सक्षम होते हैं. इसलिए अगर किसान ऊंट पालन से ज्यादा मुनाफा कमाना चाहते हैं, तो इन नस्लों को अपनाना सबसे फायदेमंद रहेगा.

ऊंट पालन शुरू करने के लिए क्या चाहिए?

ऊंट पालन शुरू करना वास्तव में काफी आसान है, बस कुछ साधारण बातों का ध्यान रखना जरूरी है. सबसे पहले ऊंट को घूमने-फिरने के लिए खुली और सुरक्षित जगह दें, क्योंकि यह खुली हवा में रहना पसंद करता है. खाने के लिए हरा और सूखा दोनों तरह का चारा उपलब्ध कराएं ताकि उसका पोषण सही रहे. गर्मियों में पर्याप्त पानी की व्यवस्था रखना भी जरूरी है, क्योंकि थोड़ी लापरवाही से ऊंट कमजोर हो सकता है. समय-समय पर टीकाकरण और दवाई देना न भूलें, इससे बीमारियां नहीं फैलतीं. अगर किसान 2-3 ऊंटनी खरीदकर दूध बेचना शुरू करें, तो महीने में 30-40 हजार रुपये तक की कमाई हो सकती है.

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Published: 4 Oct, 2025 | 11:30 PM

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