खेतों के दुश्मन बन सकते हैं कुछ पक्षी, रिसर्च में हुआ चौंकाने वाला खुलासा

भारत सरकार के कृषि मंत्रालय ने 'कृषि में जोखिम प्रबंधन' नाम से एक रिपोर्ट जारी की थी. इस रिपोर्ट में बताया गया कि पक्षी फसलों की बुवाई, अंकुरण और पकने के समय उन्हें नुकसान पहुंचाते हैं.

Kisan India
नई दिल्ली | Published: 15 Apr, 2025 | 08:55 AM

आपको जानकर हैरानी होगी, लेकिन यह बिलकुल सच है कि कुछ पक्षी आपकी फसलों और खेती के लिए खतरा बन सकते हैं. हम अक्सर सोचते हैं कि पक्षी तो सिर्फ दाना खाते हैं या फसलों को हल्का-फुल्का नुकसान पहुंचाते हैं, लेकिन हाल ही में आई एक रिसर्च ने इस सोच को झूठा साबित कर दिया है.

दरअसल, रिसर्च करने वाले विशेषज्ञों का कहना है कि कुछ पक्षी खेतों में ऐसे कीटाणु फैला सकते हैं जो खाने की चीजों को संक्रमित कर देते हैं. इससे किसान को फसल की बर्बादी और आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ता है. हालांकि रिसर्चर ये भी कहते हैं कि पक्षियों के घर हटाना इसका हल नहीं है, बल्कि हमें समझदारी से इसका समाधान निकालना होगा.

कबूतर खोतों के लिए खतरा

सॉयल साइंस और प्लांट बायोकेमिस्ट्री की विशेषज्ञ गिल मैथ्यूज के अनुसार, कबूतर सिर्फ दाने नहीं खाते, बल्कि वे कुछ सब्जियों की कोमल पत्तियों और नन्हें अंकुरों को भी खा जाते हैं. जैसे कि गोभी और ब्रोकोली, ये उनके पसंदीदा हैं. अगर फसल को किसी जाल या ढकाव से न बचाया जाए, तो कबूतर उन पौधों को जड़ से नष्ट कर सकते हैं. वे डंठल तक खा जाते हैं जिससे पौधा मर जाता है. हालांकि, वे हर फसल के साथ ऐसा नहीं करते, लेकिन कुछ के लिए ये बहुत बड़ा खतरा हैं.

कृषि मंत्रालय की रिपोर्ट

साल 2019 में भारत सरकार के कृषि मंत्रालय ने ‘कृषि में जोखिम प्रबंधन’ नाम से एक रिपोर्ट जारी की थी. इस रिपोर्ट में बताया गया कि पक्षी फसलों की बुवाई, अंकुरण और पकने के समय उन्हें नुकसान पहुंचाते हैं. इससे किसानों की मेहनत पर पानी फिर जाता है और आर्थिक नुकसान झेलना पड़ता है.

रिपोर्ट में बताया गया कि 19 पक्षी परिवारों की 63 प्रजातियां (कुल 1364 पक्षी) फसलों को नुकसान पहुंचा सकती हैं. इनमें से 52 प्रजातियां अनाज, 14 दालें, 15 तिलहन और 23 फल फसलों को नुकसान पहुंचाने में शामिल हैं. खासकर मोती बाजरा, ज्वार और मक्का जैसे अनाज सबसे ज्यादा प्रभावित होते हैं.

पक्षियों का अलग-अलग असर

कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी की रिसर्च के अनुसार, पक्षियों का असर उनकी प्रजातियों के आधार पर अलग होता है. जैसे, जो पक्षी झुंड में रहते हैं और जानवरों के पास जमीन पर चारा तलाशते हैं, जैसे स्टारलिंग, जिसमें वो लेट्यूस, पालक और ब्रोकली जैसी सब्जियों में खतरनाक बैक्टीरिया फैला सकते हैं.

वहीं दूसरी ओर, जो पक्षी कीड़े खाते हैं, वे फसलों के लिए ज्यादा नुकसानदेह नहीं होते, बल्कि कुछ मामलों में तो फायदेमंद भी हो सकते हैं क्योंकि वे कीट नियंत्रण में मदद करते हैं.

समाधान क्या हो सकता है?

इस समस्या का हल केवल पक्षियों को डराकर भगाना या उनके घोंसलों को हटाना नहीं है. जरूरी है कि हम वैज्ञानिक तरीके अपनाएं, जैसे फसलों को सुरक्षित रखने के लिए जाल का इस्तेमाल, फसल के पास साफ-सफाई बनाए रखना और यह समझना कि कौन-सी पक्षी प्रजातियां असली खतरा हैं.

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