सही समय और तकनीक से करें तरबूज की खेती, मुनाफा होगा दोगुना

जब तरबूज पूरी तरह से पक जाए, तब उसे तोड़ें उसका स्वाद भी अच्छा होगा और मिठास भी ज्यादा होगी. आमतौर पर बीज बोने के 80 से 100 दिन बाद फल तोड़ने लायक हो जाता है.

Kisan India
नई दिल्ली | Published: 1 May, 2025 | 09:46 AM

गर्मियों में ठंडा-मीठा तरबूज खाना किसे पसंद नहीं? यह न केवल स्वाद में लाजवाब होता है, बल्कि शरीर को ठंडक भी देता है. लेकिन एक अच्छी और भरपूर तरबूज की फसल उगाना हर किसी के लिए आसान नहीं होता. अगर आप भी तरबूज की खेती करते हैं और चाहते हैं कि आपकी पैदावार बढ़े और फल बड़े, मीठे और ज्यादा हों, तो आइए जानते हैं कुछ आसान मगर जरूरी बातें, जो तरबूज की फसल को बेहतर बना सकती हैं.

1. मिट्टी की सही तैयारी करें

तरबूज की फसल अच्छी तभी होती है जब उसकी जड़ें मजबूत हों, और उसके लिए मिट्टी का अच्छा होना जरूरी है. तरबूज को हल्की, भुरभुरी और पानी को अच्छे से निकास देने वाली मिट्टी पसंद होती है. इसमें जैविक खाद या कंपोस्ट मिलाने से उपज और मिट्टी की ताकत दोनों बढ़ते हैं. साथ ही, मिट्टी का pH 6.0 से 6.8 के बीच होना चाहिए. मिट्टी की जांच जरूर करें और जरूरत पड़ने पर उसमें सुधार करें.

2. सही किस्म का चुनाव करें

तरबूज की कई किस्में होती हैं, कुछ जल्दी पकती हैं, कुछ बड़ी होती हैं, और कुछ बीमारियों के प्रति ज्यादा प्रतिरोधी होती हैं. अपने इलाके की जलवायु, मिट्टी और कीट-रोग की स्थिति को ध्यान में रखते हुए ही किस्म का चुनाव करें. सही किस्म से फसल में नुकसान कम होता है और पैदावार बढ़ती है.

3. पानी और खाद का सही संतुलन रखें

तरबूज की बेलों को ज्यादा पानी चाहिए, खासकर जब फल बन रहे हों. गर्मी और सूखे मौसम में हर 2-3 दिन में अच्छे से पानी दें. लेकिन ध्यान रखें कि पानी मिट्टी में रुके नहीं, वरना जड़ें सड़ सकती हैं. साथ ही, तरबूज को संतुलित खाद जैसे नाइट्रोजन, फॉस्फोरस और पोटाश की जरूरत होती है. कंपोस्ट डालना भी बहुत फायदेमंद होता है.

4. कीट और बीमारियों से रखें बचाव

तरबूज पर अक्सर सफेद मक्खी, माइट्स और एफिड जैसे कीट हमला करते हैं. इसके अलावा पाउडरी मिल्ड्यू जैसी बीमारियां भी फसल खराब कर सकती हैं. फसलों की नियमित जांच करें और समय पर जैविक या जरूरत पड़ने पर रासायनिक उपाय अपनाएँ. बीमारी-रोधी किस्में लगाने से भी काफी हद तक बचाव होता है.

5. सही समय पर तोड़ें तरबूज

जब तरबूज पूरी तरह से पक जाए, तब उसे तोड़ें उसका स्वाद भी अच्छा होगा और मिठास भी ज्यादा होगी. आमतौर पर बीज बोने के 80 से 100 दिन बाद फल तोड़ने लायक हो जाता है. पका हुआ तरबूज तब पहचानिए जब उसका छिलका थोड़ा मटमैला दिखे, पीठ वाला हिस्सा पीला हो, और थपथपाने पर खोखली आवाज आए. फल भारी लगे तो समझिए वह तैयार है.

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