केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भारत की आर्थिक प्रगति और कृषि क्षेत्र की उपलब्धियों को लेकर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर अपनी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि जो लोग भारत की अर्थव्यवस्था को “Dead Economy” कह रहे थे, उन्हें अब समझना चाहिए कि भारत एक Long Live Economy है. उन्होंने लिखा कि जब नेतृत्व अडिग, नीतियां सटीक और निर्णय दूरदर्शी हों, तो नतीजे इतिहास रचते हैं.
आर्थिक विकास– 7.8 फीसदी वृद्धि दर
शिवराज सिंह चौहान ने यह भी बताया कि अप्रैल-जून तिमाही में भारत की विकास दर 7.8 फीसदी रही, जिसे पूरी दुनिया ने देखा. उनके अनुसार यह किसानों के पसीने, वैज्ञानिकों की मेहनत और 140 करोड़ भारतीयों की सामर्थ्य का प्रत्यक्ष प्रदर्शन है. उन्होंने विशेष रूप से कहा कि यह क्षण किसानों के लिए गर्व का है, क्योंकि कृषि क्षेत्र ने इस बढ़ती अर्थव्यवस्था में अभूतपूर्व योगदान दिया है.
किसानों के लिए गर्व का पल
केंद्रीय कृषि मंत्री ने विस्तार से बताया कि कृषि वृद्धि दर अब 3.7 फीसदी तक पहुंच गई है, जो कि किसानों के परिश्रम, नई तकनीकों और नवाचारों का प्रत्यक्ष परिणाम है. उन्होंने कहा कि देश में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में कृषि नीतियों और समर्थन योजनाओं ने किसानों को नई दिशा और आत्मविश्वास दिया है.
जब नेतृत्व अडिग हो, नीतियाँ सटीक हों और निर्णय दूरदर्शी हों, तब परिणाम इतिहास रचते हैं।
Dead Economy कहने वाले अब समझ लें कि भारत एक Long Live Economy है, जो विकसित और पूर्णतः आत्मनिर्भर भारत के स्वप्न को साकार करने के पथ पर है।
हमारे किसानों के पसीने, वैज्ञानिकों की मेहनत, 140…
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) August 30, 2025
कृषि में नवाचार और तकनीक
शिवराज सिंह चौहान ने यह भी जोर देकर कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था में कृषि क्षेत्र की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण है. किसानों की मेहनत, नए कृषि उपकरणों और जैव-प्रौद्योगिकी के प्रयोग ने उत्पादन बढ़ाने में मदद की है. इसके साथ ही, खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने और निर्यात बढ़ाने में भी कृषि का योगदान बढ़ा है.
मंत्री ने लिखा कि इस आर्थिक प्रगति में सिर्फ सांख्यिकीय आंकड़े ही नहीं, बल्कि किसानों की मेहनत, विज्ञान और तकनीक की सहायता, और आम भारतीयों की मेहनत और सामर्थ्य शामिल है. उन्होंने स्पष्ट किया कि भारत की अर्थव्यवस्था स्थिर और दीर्घकालिक विकास की ओर बढ़ रही है.
शिवराज सिंह चौहान ने अंत में यह संदेश दिया कि भारत विकसित भारत बनने के अपने संकल्प को पूरा करने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है. उनका कहना है कि यदि नेतृत्व सही दिशा में हो, नीतियां ठोस हों और निर्णय दूरदर्शी हों, तो देश न केवल कृषि में बल्कि सभी क्षेत्रों में विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने में सक्षम है.
इस प्रकार, केंद्रीय कृषि मंत्री ने सोशल मीडिया के जरिए एक बार फिर किसानों, वैज्ञानिकों और आम भारतीयों को उनके योगदान के लिए सराहा और देशवासियों को यह भरोसा दिलाया कि भारत की अर्थव्यवस्था मजबूत और दीर्घकालिक है.