2025 में चाय उद्योग पर संकट के बादल, ITA ने गिनाईं तीन बड़ी समस्याएं

उत्पादन घटने के साथ-साथ चाय की कीमतों में भी भारी गिरावट आई है. अप्रैल से जुलाई के अंत तक चाय नीलामी में CTC और डस्ट चाय की कीमतें असम में 7 फीसदी और पश्चिम बंगाल के दुआर्स/तराई इलाकों में 9.5 फीसदी तक गिरी हैं.

Kisan India
नई दिल्ली | Updated On: 30 Jul, 2025 | 12:48 PM

भारत की चाय दुनिया भर में मशहूर है, लेकिन साल 2025 में यह उद्योग एक बड़े संकट के दौर से गुजर रहा है. इंडियन टी एसोसिएशन (ITA) ने हाल ही में जारी बयान में बताया कि देश का चाय उद्योग इस समय कई गंभीर चुनौतियों से जूझ रहा है, कम उत्पादन, घटती कीमतें और विदेशी चाय का बढ़ता आयात.

मौसम ने बिगाड़ी चाय बागानों की सेहत

ITA के अनुसार, 2024 में देशभर में चाय उत्पादन में भारी गिरावट दर्ज की गई थी. 2023 के मुकाबले 10.9 करोड़ किलो कम चाय बनी. इसके पीछे खराब मौसम और कीटों का प्रकोप प्रमुख वजह रहा. 2025 में हालात और बिगड़े हैं, पश्चिम बंगाल और असम के बड़े उत्पादक चाय बागान इस साल भी उत्पादन में भारी गिरावट देख रहे हैं. दार्जिलिंग की चाय, जो अपनी खुशबू और स्वाद के लिए मशहूर है, 2024 के मुकाबले करीब 10.34 फीसदी पीछे चल रही है.

तापमान और बारिश दोनों ने दिया धोखा

इस साल औसतन दो डिग्री ज्यादा तापमान और कम बारिश के कारण चाय बागानों में सूखे जैसे हालात बन गए हैं. इसका सीधा असर चाय की पत्तियों की बढ़वार और गुणवत्ता पर पड़ा है. ITA ने चेताया है कि जुलाई की फसल भी कमजोर रहेगी, जिसमें 15 से 20 फीसदी की गिरावट हो सकती है.

कीमतों में गिरावट से बढ़ी चिंता

उत्पादन घटने के साथ-साथ चाय की कीमतों में भी भारी गिरावट आई है. अप्रैल से जुलाई के अंत तक चाय नीलामी में CTC और डस्ट चाय की कीमतें असम में 7 फीसदी और पश्चिम बंगाल के दुआर्स/तराई इलाकों में 9.5 फीसदी तक गिरी हैं. ITA का कहना है कि यह गिरावट उद्योग की आर्थिक सेहत के लिए खतरनाक संकेत है, खासकर CTC चाय जैसी वाणिज्यिक किस्मों के लिए.

विदेशी चाय का बुरा असर

इस संकट में आग में घी डालने का काम किया है विदेशी चाय के आयात ने. 2024 और 2025 की शुरुआत में नेपाल और केन्या से बड़ी मात्रा में चाय भारत में आई. आंकड़ों के अनुसार, 2024 में भारत ने 4.45 करोड़ किलो चाय आयात की, जो 2023 के मुकाबले 82 फीसदी ज्यादा है. इसमें 74 फीसदी हिस्सा सिर्फ नेपाल और केन्या से आया.

निर्यात में भी गिरावट

उधर, चाय का निर्यात भी कुछ खास नहीं रहा. जनवरी से अप्रैल 2025 के बीच भारत ने 8.57 करोड़ किलो चाय निर्यात की, जो पिछले साल इसी अवधि के मुकाबले 18 लाख किलो कम है.

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Published: 30 Jul, 2025 | 12:45 PM

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