केरल में डेयरी संकट गहराया, किसानों ने 16 मई से हड़ताल का ऐलान किया

2019 की जनगणना के बाद से राज्य में गायों की संख्या में 37% की गिरावट दर्ज की गई है, जिससे केरल को अब दूसरे राज्यों से दूध मंगवाना पड़ रहा है.

Kisan India
नई दिल्ली | Published: 6 May, 2025 | 09:26 AM

केरल में डेयरी किसान इन दिनों भारी संकट का सामना कर रहे हैं. किसानों का कहना है कि उन्हें सहकारी समितियों से दूध का दाम सिर्फ ₹43 प्रति लीटर मिल रहा है, जबकि उसका उत्पादन खर्च ₹65 प्रति लीटर तक पहुंच गया है. यानी हर लीटर दूध पर किसानों को ₹20 से भी ज्यादा का नुकसान हो रहा है.

इस स्थिति को लेकर केरल डेयरी फार्मर्स एसोसिएशन ने सरकार से हस्तक्षेप की मांग की है और दूध का खरीद मूल्य ₹70 प्रति लीटर करने की मांग रखी है. किसानों का कहना है कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं, तो वे 16 मई से राज्यव्यापी हड़ताल शुरू करेंगे.

एसोसिएशन के अध्यक्ष बिजू वट्टामुकुलल का कहना है कि लागत बढ़ने और दाम कम मिलने की वजह से कई किसान डेयरी व्यवसाय छोड़ चुके हैं. दूध की कम आवक के कारण कई सहकारी समितियां बंद होने की कगार पर हैं. उन्होंने बताया कि इस मुद्दे पर पहले ही मिल्मा (MILMA) के एर्नाकुलम क्षेत्रीय अध्यक्ष को ज्ञापन सौंपा जा चुका है.

किसानों ने चिंता जताई कि चारे की कीमतों में बेतहाशा वृद्धि, मजदूरी में इजाफा, पशुचिकित्सा सेवाओं का खर्च, बिजली-पानी के बिल और जलवायु परिवर्तन की वजह से घास की बर्बादी ने दूध उत्पादन को बेहद मुश्किल और नुकसानदेह बना दिया है.

2019 की जनगणना के बाद से राज्य में गायों की संख्या में 37% की गिरावट दर्ज की गई है, जिससे केरल को अब दूसरे राज्यों से दूध मंगवाना पड़ रहा है. किसानों का कहना है कि अगर हालात ऐसे ही रहे, तो केरल में दूध उत्पादन पूरी तरह ठप हो सकता है.

राष्ट्रीय आर्थिक अनुसंधान परिषद (NCAER) की एक रिपोर्ट के अनुसार, 2030 तक राज्य में दूध की मांग 35.2 लाख टन तक पहुंच सकती है. ऐसे में अगर दूध उत्पादन को बढ़ाना है, तो सरकार को डेयरी किसानों को न्यायपूर्ण मूल्य देना ही होगा.

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