10 हजार नए किसानों को जोड़ेगी KUPL, स्मार्ट खेती को अपनाने पर जोर

क्लीन एनर्जी और स्मार्ट खेती को बढ़ावा देने वाली कंपनी किसानी ऊर्जा ने एग्रीटेक एक्सपर्ट आनंद बहल को अपना CBO नियुक्त किया है. अब 2026 तक 10,000 किसानों को जोड़कर बायोफ्यूल, डिजिटल खेती और AI तकनीक से गांवों को आत्मनिर्भर बनाने का लक्ष्य है.

नोएडा | Published: 22 Jun, 2025 | 01:00 PM

भारत में खेती और अक्षय ऊर्जा को मिलाकर नई क्रांति लाने वाली कंपनी किसानी ऊर्जा प्राइवेट लिमिटेड (KUPL) ने आज एक बड़ा ऐलान किया है. कंपनी ने आनंद बहल को अपना चीफ बिजनेस ऑफिसर (CBO) नियुक्त किया है. आनंद बहल एग्रीकल्चर और सस्टेनेबल एनर्जी के क्षेत्र में 30 साल से ज्यादा का अनुभव रखते हैं. उनके आने से अब किसानी ऊर्जा देशभर में किसानों के लिए तकनीक से जुड़ी सुविधाएं और क्लीन एनर्जी के समाधान तेजी से बढ़ाएगी.

किसानों की ताकत बनेगा टेक्नोलॉजी

आनंद बहल अब टेक-आधारित फीड सप्लाई चेन, सटीक खेती (Precision Farming) और क्लाइमेट-स्मार्ट एग्री-एनर्जी मॉडल को बढ़ावा देंगे. जिसमें किसानों को डिजिटल ट्रेनिंग देंगे और ऐसी योजनाएं बनाएंगे, जिससे फसल अवशेषों से बायोफ्यूल बनाकर किसान भी ऊर्जा उत्पादन में भागीदार बन सकें. आनंद बहल का मानना है कि हर एकड़ जमीन जलवायु समाधान बन सकती है और हर किसान ग्रीन इनोवेटर है.

2026 तक 10 हजार किसान होंगे सीधे जुड़े

कंपनी का लक्ष्य 2026 तक 10,000 किसानों को जोड़ना है. उनके लिए AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस), सैटेलाइट इमेजिंग, IOT (इंटरनेट ऑफ थिंग्स) और अन्य डिजिटल साधनों की मदद से खेती और ऊर्जा दोनों के बेहतर मॉडल तैयार किए जाएंगे. इससे किसानों की आमदनी बढ़ेगी, कार्बन उत्सर्जन घटेगा और देश को टिकाऊ ऊर्जा के क्षेत्र में मजबूती मिलेगी.

किसानी ऊर्जा का विज़न और आनंद बहल का अनुभव

किसानी ऊर्जा के CEO उत्कर्ष गुप्ता ने आनंद बहल का स्वागत करते हुए कहा कि “उनके पास 2.5 लाख से ज्यादा किसानों के साथ काम करने और AI के जरिए गांवों तक तकनीक पहुंचाने का अनुभव है. इससे हमारा मिशन और तेज़ी से आगे बढ़ेगा. जबकि आनंद बहल ने भारत, अफ्रीका, यूरोप और साउथ एशिया में काम किया है. वह खेती, मसाले, बायोफ्यूल, बायोडायवर्सिटी, ट्रैसेबिलिटी और सर्कुलर इकोनॉमी जैसे क्षेत्रों के विशेषज्ञ हैं.

किसानी ऊर्जा क्या करती है

किसानी ऊर्जा प्राइवेट लिमिटेड की शुरुआत ग्रूनर रिन्यूएबल एनर्जी के तहत हुई थी, जिसका मकसद गांवों को आत्मनिर्भर बनाना और किसानों को क्लीन एनर्जी के ज़रिए सशक्त करना. कंपनी फसल अवशेषों से बायोगैस, बायोमास और जैविक खाद बनाती है और किसानों को उसकी बिक्री का लाभ भी दिलाती है.