खरीफ सीजन की बुवाई को लेकर उत्तर प्रदेश में खाद बीज की उपलब्धता और कीमतों को लेकर कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही समेत पूरा कृषि विभाग का अमला छापेमारी कर रहा है. ताकि, किसानों को खाद, बीज समेत अन्य एग्री इनपुट प्रोडक्ट को सही दाम पर उपलब्ध कराया जा सके. लेकिन, इस छापेमारी का प्रदेश स्तर पर विरोध शुरू हो गया है. एग्रो इनपुट डीलर्स एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष अतुल त्रिपाठी ने कहा कि कृषि मंत्री को कृषि अधिकारी सही बात नहीं बता रहे हैं. कंपनियों पर कार्रवाई की बजाय व्यापारियों को परेशान किया जा रहा है. उन्होंने चेतावनी दी कि उत्पीड़न बंद न हुआ तो अनिश्चितकाली हड़ताल की जाएगी.
एसोसिएशन ने कहा है कि मैन्यूफैक्चरिंग कंपनी से बोरी मिलने तक की कॉस्ट को जोड़ा नहीं जा रहा है. कारोबारी अतिरिक्त कॉस्ट को अपनी जेब से कब तक भरेंगे. जहां भी उस लागत को जोड़कर किसानों को बोरी बेची गई है वहां पर अधिकारियों ने छापेमारी के विक्रेताओं के लाइसेंस रद्द कर दिए हैं. इसके साथ ही अन्य मुद्दों को लेकर आज यूपी की लगभग 1 लाख से ज्यादा खाद-बीज समेत कृषि उत्पादों की दुकानें बंद रखी गई हैं.
कृषि मंत्री की ताबड़तोड़ कार्रवाई
उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही इन दिनों खाद-बीज की उपलब्धता और ओवररेटिंग को लेकर सख्ती बरते हुए हैं और रोजाना छापेमारी कर रहे हैं. कारोबारियों का कहना है कि खाद की बोरी पर करीब 30 रुपये अतिरिक्त लिए जाने पर लखीमपुर खीरी, कानपुर समेत कई जिलों के खाद-बीज विक्रेताओं को लाइसेंस रद्द कर दिए हैं और कुछ पर एफआईआर भी कराई गई है. जबकि, ओवररेटिंग के मामले में सीतापुर के जिला कृषि अधिकारी मंजीत कुमार को निलंबित कर दिया है.
प्रदेश भर में कृषि दुकानें बंद, उत्पीड़न विरोध प्रदर्शन
कानपुर में खाद-बीज थोक विक्रेता अर्पित ओमर ने किसान इंडिया को बताया कि एग्रो इनपुट डीलर्स एसोसिएशन ने आज शनिवार को प्रदेश बंद का आवाहन किया है. कृषि विभाग और फर्टिलाइजर कंपनियों के उत्पीड़न के विरोध में आज कानपुर समेत प्रदेश के अन्य शहरों में समस्त बीज, कीटनाशक व खाद की दुकानें बंद रहेंगी. एसोसिएशन ने कानपुर में विरोध मार्च निकाला और दमनकारी नीतियों के खिलाफ नारेबाजी भी की. अन्य शहरों में भी विरोध प्रदर्शन किया गया है.
यूरिया बोरी के छिपे हुए खर्चे देखे सरकार- ज्ञानेश मिश्र
एग्रो इनपुट डीलर्स एसोसिएशन के युवा व्यापार मंडल के ज्ञानेश मिश्र ने कहा कि पूरे प्रदेश में खाद-बीज का कारोबार करने वाले लगभग 1 लाख व्यापारियों ने अपनी दुकानें बंद कर रखी हैं. उन्होंने कहा कि राज्य के कृषि मंत्री दुकानों पर जाकर छापेमारी कर रहे हैं. कहा कि रेट को लेकर विवाद है. यूरिया की एक बोरी की सरकारी कीमत 266.50 रुपये है. लेकिन, इसमें छिपे हुए खर्चे हैं उनको बिना देखे कार्रवाई की जा रही है और दुकानें सील की जा रही हैं. उन्होंने कहा कि इसके विरोध में हर जिले में प्रदर्शन किया जा रहा है.
व्यापारियों की बजाय कंपनियों पर एक्शन ले सरकार – अतुल त्रिपाठी
एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष अतुल त्रिपाठी ने कहा कि कृषि मंत्री को कृषि अधिकारी सही बात नहीं बता रहे हैं. उन्होंने कहा कि 250 रुपये पर कंपनियों से यूरिया की बोरी मिल रही है और भाड़ा लागत 10 रुपये व्यापारियों को दी जा रही है. जबकि, 25-30 रुपये अतिरिक्त लग रहे हैं वो कंपनी व्यापारी को देती नहीं है. इसके साथ कंपनियां व्यापारियों को अन्य उत्पादों की टैगिंग भी कर रहे हैं, जो गोदाम में पड़ रहते हैं और व्यापारियों को नुकसान होता है. अगर व्यापारी यह प्रोडक्ट किसानों को बोरी के साथ बेचता है तो उस पर कार्रवाई की जा रही है. उन्होंने कहा कि सरकार को कंपनियों पर कार्रवाई करनी चाहिए.
हल नहीं निकला तो अनिश्चितकालीन हड़ताल की चेतावनी
अतुल त्रिपाठी ने चेतावनी देते हुए कहा कि व्यापारियों का शोषण किया जा रहा है. सरकार व्यापारियों पर कार्रवाई कर रही है जो गलत है. सरकार को कंपनियों पर शिकंजा कसना चाहिए और का प्रति बोरी अतिरिक्त 25-30 रुपये खर्च आ रहा है उसे दिया जाए. उन्होंने कहा कि अगर मांगें नहीं मानी गईं और हमारी सुनवाई नहीं हुई तो अनिश्चितकालीन हड़ताल की जाएगी.