केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को असम और राजस्थान के कृषि मंत्रियों से अलग-अलग मुलाकात की. इस दौरान राजस्थान के कृषि मंत्री डॉ. किरोड़ीलाल मीणा ने उन्हें राज्य में नकली बीज, खाद और कीटनाशकों के खिलाफ की गई कार्रवाई की रिपोर्ट सौंपी और ग्रामीण विकास से जुड़े अन्य मुद्दों पर भी चर्चा की. शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि नकली बीज, खाद और पेस्टीसाइड को लेकर वे बेहद गंभीर हैं और इसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा कि इस मामले में कानून को और कड़ा करने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है.
केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि उन्होंने सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को पत्र भेजकर ऐसे मामलों में सख्त कदम उठाने को कहा है. केंद्र सरकार किसानों के साथ कोई धोखा नहीं होने देगी और जो लोग गड़बड़ी करेंगे, उन्हें किसी भी हालत में बख्शा नहीं जाएगा. वहीं, असम के कृषि, बागवानी, पशुपालन और पशु चिकित्सा मंत्री अतुल बोरा से मुलाकात के दौरान केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने हाल ही में बाढ़ से प्रभावित असम के किसानों के हालात के बारे में जानकारी ली. उन्होंने कहा कि वे जल्द ही असम के बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा करेंगे, ताकि किसानों की तकलीफों को सीधे सुन और समझ सकें.
असम के किसानों के लिए राहत की खबर
शिवराज सिंह ने कहा कि असम के कुछ जिलों में बाढ़ आई है, तो कुछ जिलों में किसानों को सूखे का सामना करना पड़ा है. उन्होंने भरोसा दिलाया कि इन दोनों समस्याओं से जूझ रहे किसानों की मदद के लिए केंद्र और राज्य सरकार मिलकर हरसंभव कदम उठाएंगी. उन्होंने कहा कि किसानों की तकलीफ हम अच्छे से समझते हैं और हर मुश्किल में हम उनके साथ खड़े हैं. राहत देने के सभी जरूरी उपाय किए जाएंगे.
फसलों की वैरायटी को जल्द अधिसूचित करने के निर्देश
असम के मंत्री ने बैठक में बताया कि राज्य में कुछ फसलों की वैरायटी (प्रजातियां) अब तक अधिसूचित नहीं हुई हैं, जिससे किसानों को दिक्कत हो रही है. इस पर केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) को निर्देश दिए कि असम की जलवायु और जरूरतों के अनुसार राजमा, मसूर, अरहर, सूरजमुखी, चारा-मक्का, लहसुन और प्याज जैसी फसलों की वैरायटी को जल्द अधिसूचित किया जाए, ताकि किसानों को फायदा मिल सके. प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत किसानों को लाभ देने के लिए उन्होंने ‘डिजिटल फार्मर रजिस्ट्री’ की अनिवार्यता से असम के किसानों को फिलहाल राहत देने के निर्देश भी दिए.
पूर्वोत्तर जैविक कृषि मूल्य श्रंखला विकास मिशन की बढ़ी अवधि
इसके साथ ही, असम सरकार के अनुरोध पर उन्होंने पूर्वोत्तर जैविक कृषि मूल्य श्रंखला विकास मिशन (Organic Value Chain Mission) की अवधि को एक साल और बढ़ाने के निर्देश दिए. बैठक में केंद्रीय कृषि सचिव देवेश चतुर्वेदी सहित केंद्र और असम सरकार के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे. शिवराज सिंह ने बाकी मुद्दों की भी जांच और समाधान के लिए मंत्रालय के अधिकारियों को निर्देश दिए.