खाद पर हाहाकार.. पहले विधानसभा सत्र में नेताओं में बहस, अब पूर्व और मौजूदा सीएम में जुबानी जंग!

किसानों को खाद यानी डीएपी और यूरिया की सख्त जरूरत है. लेकिन, खाद की उपलब्धता, ओवररेटिंग, नकली खाद समेत अन्य घटिया कृषि उत्पादों को लेकर बवाल मचा है.

नोएडा | Updated On: 16 Jul, 2025 | 02:08 PM

खरीफ सीजन चल रहा है और कृषि गतिविधियों के लिए यह बहुत अहम समय है. इस वक्त देशभर में खरीफ फसलों की बुवाई तेजी से चल रही है. ज्यादातर हिस्सों में बुवाई हो चुकी है और पहली खाद, पानी और अन्य पोषक तत्व फसलों में डालने की बारी है. ऐसे में किसानों को खाद यानी डीएपी और यूरिया की सख्त जरूरत है. लेकिन, खाद की उपलब्धता, ओवररेटिंग, नकली खाद समेत अन्य घटिया कृषि उत्पादों को लेकर राज्यों में बवाल मचा हुआ है. खुद केंद्रीय कृषि मंत्री बायोस्टिमुलेंट और फसलों के पोषक तत्वों के जरिए किसानों से धोखाधड़ी पर अधिकारियों को सख्त हिदायत दे चुके हैं. अब खाद को लेकर ताजा बवाल छत्तीसगढ़ में मचा हुआ है.

छत्तीसगढ़ में डीएपी खाद की उपलब्धता, तय दाम से अधिक वसूलने और नकली-घटिया सप्लाई के आरोपों को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष आमने सामने आ गए हैं. सत्ता पक्ष जहां किसानों को भरपूर डीएपी उपलब्ध होने की बात कह रहा है तो वहीं विपक्ष इसे झूठ बता रहा है. दरअसल, छ्त्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्ण देव साय ने बीती 14 जुलाई को सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए कहा था कि राज्य में डीएपी की कोई कमी नहीं है.

सीएम विष्णु देव साय ने पेश किए खाद के आंकड़े

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने खाद की उपलब्धता को लेकर आंकड़े भी जारी किए और बताया कि राज्य में डीएपी खाद की सप्लाई लक्ष्य के तहत 2 लाख मीट्रिक भंडारण है और इसमें से 1.63 लाख मीट्रिक टन खाद अभी भी स्टॉक में मौजूद है. इसके अलावा यूरिया की खपत पूरी करने के लिए 6 लाख मीट्रिक टन भंडारण किया गया है. उन्होंने कहा कि इसके अलावा 1.79 लाख नैनो डीएपी की बॉटल्स उपलब्ध हैं. जबकि, एनपीके और एसएसपी खाद भी 72 हजार मीट्रिक टन उपलब्ध है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि हम अन्नदाताओं की चिंता दूर कर रहे हैं. प्रदेश में उर्वरकों की उपलब्धता भरपूर है. किसानों के साथ सुशासन की सरकार है और हर किसान को समय पर उर्वरक मिलेगी.

पूर्व सीएम भूपेश बघेल बोले- अफसर झूठी सूचना दे रहे

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के इन दावों पर तीखी टिप्पणी करते हुए छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि मुख्यमंत्री जी आपको अफसर झूठी सूचनाएं दे रहे हैं. पूर्व सीएम ने लिखा मैं खुद एक किसान हूं और इन दिनों लगातार गांव जा रहा हूं. पूरे प्रदेश के किसान भी मेरे संपर्क में हैं. किसानों को खाद नहीं मिल रहा है. यह सच है. उन्होंने कहा कि सीएम विष्णु देव साय को संबोधित करते हुए कहा कि आपके बयान मीडिया में हास्यास्पद लग रहे हैं. कुछ कीजिए.

विधानसभा सत्र में खाद-बीज पर हुई बहस, नारेबाजी

वहीं, बीते दिन मंगलवार को छत्तीसगढ विधानसभा के मॉनसून सत्र का पहला दिन था और इस दौरान नेता प्रतिपक्ष डॉक्टर चरणदास महंत ने कहा कि पूरे राज्य में खाद की भारी किल्लत है और किसान इससे दुखी हैं. किसानों को दोगुने भाव में बाजार से खाद खरीदने पर मजबूर होना पड़ रहा है. खाद-बीज संकट को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के नेताओं के बीच बहस हुई थी. विपक्षी नेताओं ने स्थगन प्रस्ताव तक पेश कर दिया था और नारेबाजी की थी. पहला दिन हंगामेदार रहा था.

खाद-बीज स्टॉक पर कृषि जानकार क्या बोले

कृषि जानकारों का कहना है कि छत्तीसगढ़ में किसानों को खाद की किल्लत का सामना करना पड़ रहा है. जबकि, कई जगह तय से अधिक दाम किसानों से लिए जा रहे हैं. जबकि, कुछ जगहों पर नकली या घटिया खाद के मामले भी सामने आए हैं. उनका कहना है कि खुद मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने बीते सप्ताह अधिकारियों से कहा था डीएपी की जहां कमी है वहां पर वैकल्पिक खाद एनपीके और एसएसपी की व्यवस्था की जाए. यह बताता है कि किसानों को जितनी डीएपी खाद की जरूरत है उतनी उन्हें नहीं मिल पा रही है. भले ही सरकार स्टॉक कितना भी होने का दावा करे.

वैकल्पिक खाद की व्यवस्था की बात ही कमी को दर्शाती है

कृषि एक्सपर्ट ने कहा कि कृषि मंत्री रामविचार नेताम ने विधानसभा सत्र में खुद कहा कि सरकार ने किसानों के लिए वैकल्पिक खाद की व्यवस्था की है. किसानों को नैनो उर्वरकों के साथ ही वैकल्पिक खाद के उपयोग के बारे में प्रशिक्षित किया जा रहा है. कृषि मंत्री रामविचार नेताम ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि अमानक बीज और अमानक खाद के मामलों में सरकार की ओर से त्वरित कार्रवाई की जा रही है. एक्सपर्ट का कहना है कि मुख्यमंत्री और कृषि मंत्री के बयान बताते हैं कि खाद की कमी है और अमानक तरीके से किसानों को बेचा जा रहा है. हां, ये बात सही है कि सरकार ऐसे मामलों में कार्रवाई कर रही है.

Published: 16 Jul, 2025 | 01:59 PM