आंध्र प्रदेश में खरीफ की बुआई जोरों पर है और खाद की कालाबाजारी-जमाखोरी रोकने के लिए प्रशासन एक्श में आ गया है. खास कर गुंटूर जिले में उर्वरकों की आपूर्ति और निगरानी को लेकर जिला प्रशासन पूरी तरह सतर्क है, ताकि किसानों को यूरिया और अन्य खाद आसानी से मिल सके. इसके लिए कई स्तरों पर अभियान चलाए जा रहे हैं. सीमा चौकियों पर निगरानी बढ़ाई गई है और सोशल मीडिया के जरिए जागरूकता फैलाई जा रही है. गुंटूर जिले में इस समय 77,340 हेक्टेयर में धान और कपास की बुवाई हुई है. अब तक 21,800 मीट्रिक टन यूरिया वितरित किया जा चुका है, जबकि कुल जरूरत 22,000 मीट्रिक टन की है. वहीं, किसान खाद से संबंधित किसी भी तरह की शिकायत 8309623713 पर कॉल कर सकते हैं.
द न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, अगले कुछ दिनों में यानी 10 सितंबर तक 1,850 मीट्रिक टन यूरिया और पहुंचने की उम्मीद है. किसानों को जरूरत के हिसाब से उर्वरक रायतु सेवा केंद्रों (RSKs), प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों (PACS) और जिला सहकारी विपणन समितियों (DCMS) के जरिए दिया जा रहा है. गांव-स्तर पर सभाएं की गई हैं, ताकि सही जरूरत का आकलन किया जा सके और जिलों के बीच उर्वरक की तस्करी रोकने के लिए चेकपॉइंट भी बनाए गए हैं.
किसान इस नबंर पर करें कॉल
साथ ही यूरिया की कालाबाजारी और ज्यादा दाम वसूली रोकने के लिए डीलरों की लगातार निगरानी की जा रही है. इंटेलिजेंस टीमें बिक्री पर नजर रख रही हैं. किसान किसी भी तरह की शिकायत सीधे निगरानी सेल के नंबर 8309623713 पर कर सकते हैं. गुंटूर जिले में ‘Urea Meechenthaku’ नाम से एक खास अभियान चलाया जा रहा है, जिसमें कृषि विभाग के कर्मचारी उर्वरक वितरण के समय किसानों के साथ सेल्फी लेकर सोशल मीडिया पर पोस्ट कर रहे हैं, ताकि किसानों को भरोसा दिलाया जा सके कि यूरिया की कोई कमी नहीं है. यह जानकारी जिला कृषि अधिकारी ए. नागेश्वर राव ने दी.
16,000 मीट्रिक टन यूरिया वितरित
वट्टीचेकुर मंडल के किसान बंदारू श्रीनिवास राव ने कहा कि मैंने सब्सिडी पर बिना किसी परेशानी के डीएपी और यूरिया खरीदा. हालांकि, पिछले सीजन के नुकसान के चलते कई किसान धीरे-धीरे खरीदारी कर रहे हैं. बापटला जिले के कलेक्टर जे. वेंकट मुरली ने कहा कि अब तक 16,000 मीट्रिक टन यूरिया वितरित किया जा चुका है और 6,000 मीट्रिक टन 12 सितंबर तक आ जाएगा. उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि किसान वार एरिया-वार टाइम स्लॉट तय करें, वितरण केंद्रों पर छाया, पानी और बैठने की व्यवस्था करें और IFMS ऐप में जरूरी डेटा एंट्री अनिवार्य करें. किसान किसी भी तरह की ओवरप्राइसिंग की शिकायत 8247040131 पर कर सकते हैं.
34,556 मीट्रिक टन यूरिया की जरूरत
वहीं, पालनाडु जिले में खरीफ सीजन के लिए 34,556 मीट्रिक टन यूरिया की जरूरत है. अभी 4,171 मीट्रिक टन उपलब्ध है और बाकी जल्द पहुंचने वाला है. वहां भी डीलरों की सख्त जांच, बॉर्डर निगरानी और RSKs, PACS व DCMS के माध्यम से वितरण किया जा रहा है.