गेहूं में समय पर खाद नहीं डाली तो बर्बाद हो सकता है सीजन, जानिए कब और कौन सी खाद डाली जाए
कृषि शिक्षा एवं प्रसार ब्यूरो के अनुसार गेहूं की फसल में पहला पानी और पहली खाद सही समय पर देने से उत्पादन काफी बढ़ जाता है. ऐसे में गेहूं की ज्यादा पैदावार हासिल करने के लिए खाद और पानी की मात्रा और टाइमिंक सही होना बेहद जरूरी होता है. यहां फसल विकास चरण के हिसाब से खाद सुझाई जा रही हैं जो किसान अपना सकते हैं.
Fertilizer Uses in Wheat Farming: देशभर में रबी सीजन की प्रमुख फसल गेहूं की बुवाई तेजी से चल रही है. 25 नवंबर तक लगभग सभी खेतों में अगेती और सामान्य किस्मों की बुवाई कर दी जाएगी. ऐसे में किसानों को खाद और पहला पानी देने का समय सटीक रखना होगा. ताकि, बीजों का अंकुरण आसानी से हो और उनके विकास में तेजी आए. गेहूं की फसल में पहले पानी के समय कुछ जरूरी उर्वरकों को फसल में डालना चाहिए ताकि पौधे शुरुआत से ही मजबूत बनें. आइये जानते हैं कब और कौन सी खाद गेहूं की फसल में डालनी फायदेमंद होती है.
उत्तर प्रदेश के कृषि शिक्षा एवं प्रसार ब्यूरो के अनुसार गेहूं की फसल में पहला पानी और पहली खाद सही समय पर देने से उत्पादन काफी बढ़ जाता है. कृषि सलाह में कहा गया है कि गेहूं बुवाई के 18–22 दिन बाद जब फसल तीसरे पत्ते की अवस्था में पहुंच जाए और पौधों की जड़ें थोड़ा मजबूत हो जाएं तब पानी देने से पौधे तेजी से बढ़ते हैं और फुटान बेहतर होता है. इसी के साथ खाद डालने का सही समय होना भी बहुत जरूरी है, ताकि गेहूं की पैदावार अधिक हासिल की जा सके.
यूरिया (नाइट्रोजन) देने का समय ध्यान रखें
गेहूं की फसल में पहले पानी के बाद यूरिया देना बहुत जरूरी है. सिंचित खेत में 45–50 किलो प्रति एकड़ और असिंचित खेत में 25–30 किलो प्रति एकड़ यूरिया डालें. यूरिया पौधों को नाइट्रोजन देती है, जिससे पौधों की बढ़वार तेज होती है, पत्तियां हरी रहती हैं और तने मजबूत बनते हैं.
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जरूरत पर ही डालें डीएपी (DAP-फॉस्फोरस)
अगर गेहूं बीज की बुवाई के समय पूरी DAP नहीं डाली गई थी, तो पहले पानी पर 15–20 किलो प्रति एकड़ DAP डालना चाहिए. DAP पौधों की जड़ों को मजबूत करती है और शुरुआती वृद्धि को बेहतर बनाती है, जिससे फसल तेजी से खड़ी होती है.
पोटाश (MOP-म्यूरिएट ऑफ पोटाश) कितनी डाली जाए
पहले पानी पर 10–15 किलो प्रति एकड़ पोटाश गेहूं की फसल में डालना फसल के लिए बहुत फायदेमंद है. पोटाश पौधों को रोगों से बचाता है, अनाज में दाना अच्छे से भरता है और ठंड व सूखे के समय पौधों को मजबूती देता है.
जिंक सल्फेट क्यों जरूरी
गेहूं की फसल में जिंक सल्फेट 10–12 किलो (21% वाला) प्रति एकड़ पहले या दूसरे पानी पर डालें. जिंक की कमी से पौधे पीले पड़ जाते हैं और पैदावार कम हो जाती है, इसलिए इसे समय पर देना बहुत जरूरी है.
सल्फर (वैकल्पिक खाद) कब डालें
यदि मिट्टी में सल्फर की कमी है तो 8–10 किलो सल्फर प्रति एकड़ के हिसाब से गेहूं की फसल में डाल सकते हैं. सल्फर डालने से गेहूं के दाने में प्रोटीन बढ़ता है और फसल को ज्यादा मजबूत बनाता है.
खाद डालने का सही तरीका क्या है
किसान ध्यान रखें कि सिंचाई से पहले खेत में सभी खाद अच्छी तरह से छिड़क दें. फिर खेत में पानी छोड़ दें ताकि खाद पानी के साथ मिट्टी में नीचे जाकर घुल जाए. इससे पौधों की जड़ों तक पोषक तत्व जल्दी और आसानी से पहुंच जाते हैं.