लंबे समय तक फसलों को पोषण देती है गोबर खाद, इन विधियों से करें तैयार

गोबर की खाद के इस्तेमाल से लंबे समय तक फसलों को पोषण मिलता रहता है. गोबर की खाद मिट्टी में पानी को रोकने के साथ-साथ हवा के आने-जाने की गतिविधि को भी बढ़ाती है. गोबर की खाद से मिट्टी को इतना पोषण मिल जाता है कि किसानों को केमिकल खादों की जरूरत बहुत कम होती है.

नोएडा | Updated On: 22 May, 2025 | 02:35 PM

भारतीय मान्यताओं के अनुसार गोबर को बहुत शुद्ध माना जाता है. दिवाली त्यौहार से पहले लोग गोबर से अपने घरों की लिपाई भी करते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि गोबर से आप अपने खेतों के लिए एक बेहतरीन खाद तैयार कर सकते हैं. ये एक जैविक खाद होती है जो आपकी खेत की मिट्टी को मजबूत बनाकर उसकी उर्वरक क्षमता को बढ़ाती है. इसके साथ ही गोबर की खाद के इस्तेमाल से फसलों की गुणवत्ता और उत्पादन में भी सुधार होता है. किसानों के लिए ये खाद इसलिए अच्छी होती है क्योंकि ये सस्ती, टिकाऊ और वातावरण के अनुकूल होती है. इस खबर में आगे बात करेंगे कि घर पर गोबर की खाद कैसे बनाई जा सकती है और क्या हैं इस खाद के फायदे.

गोबर से खाद बनाने की 2 विधियां

खाद का ढेर (Heap Method)

इस विधि से खाद बनाने के लिए आपको एक ऐसी जगह चुननी है जो समतल हो और जहां बारिश का पानी जमा न हो.जगह चुनने के बाद गोबर और सूखे पत्तों को बराबर अनुपात में मिलाकर 1 मीटर चौड़ा और ऊंचा ढेर बनाएं. इसके बाद ढेर को थोड़ा-थोड़ा पानी देते रहें ताकि उसमें नमी बनी रहे. इस प्रक्रिया को पूरा करने के बाद हर 7 से 10 दिन में फावड़े की मदद से बनाए गए ढेर को उलटते-पलटते रहें ताकि उसमें हवा आती-जाती रहे. 45 से 60 दिन बाद जब गोबर सड़कर काले और भूरे रंग का हो जाए और उसमें से बदबू न आए तो समझ लें कि आपकी खाद तैयार हो गई है.

गड्ढे में बनाएं खाद (Pit Method)

इस विधि से गोबर की खाद तैयार करने के लिए आपको करीब 6 फीट लंबा, 4 फीट चौड़ा और 3 फीट गहरा गड्ढा खोदना होगा. इसके बाद इस गड्ढे में गोबर , सूखे पत्ते और मिट्टी की परतें डालनी होंगी. इसके बाद इस गड्ढे को सूखी घास या बोरी से ढक दें. आपको ध्यान रखना होगा कि बीच-बीच में इसपर पानी का छिड़काव करते रहें ताकि नमी बनी रहे. हर 10 से 15 दिन में इसको उलटते-पलटते रहें ताकि ऑक्सीजन मिलती रहे. करीब 60 से 75 दिन बाद गड्ढे में पड़ा ढेर भुरभुरा और गहरे भूरे रंग का हो जाएगा जिसमें से कोई बदबू नहीं आएगी. तब समझ लीजिए कि आपकी खाद तैयार हो गई है.

गोबर की खाद के फायदे

गोबर की खाद के इस्तेमाल से लंबे समय तक फसलों को पोषण मिलता रहता है. गोबर की खाद मिट्टी में पानी को रोकने के साथ-साथ हवा के आने-जाने की गतिविधि को भी बढ़ाती है. गोबर की खाद से मिट्टी को इतना पोषण मिल जाता है कि किसानों को केमिकल खादों की जरूरत बहुत कम होती है. इस लिहाज से किसानों की लागत में भी कमी आती है. अगर गोबर की खाद अच्छे से सड़ चुकी है तो ये कई तरह के रोगों से लड़ने में भी मदद करती है.

Published: 22 May, 2025 | 02:28 PM