फसल से दूर रहेंगे कीट-रोग, किसानों को बस जैविक घोल करना होगा छिड़काव

पंचगव्य एक तरल जैविक खाद है जिसका इस्तेमाल भारत में कृषि और आयुर्वेद में सालों से हो रहा है. पंचगव्य को गाय से मिलने वाले 5 मुख्य उत्पादों से तैयार किया जाता है.

नोएडा | Published: 15 Jun, 2025 | 04:39 PM

फसलों के अच्छे उत्पादन के लिए बेहद जरूरी है कि उन्हें सही पोषण और खाद दी जाए. खाद के इस्तेमाल से मिट्टी की उर्वरक क्षमता को सुधारने में मदद मिलती है जिसके बाद फसलों की ग्रोथ तेजी से होती है. किसानों को ये सलाह दी जाती है कि वे अपने खेतों में जैविक खाद का इस्तेमाल करें. आज हम खबर में आगे बात करेंगे ऐसी ही एक तरल यानी लिक्विड जैविक खाद की जिसमें पंचगव्य कहते है. आगे जानेंगे कि क्या है पंचगव्य और कैसे इसे आसानी से घर में बनाया जा सकता है.

क्या है पंचगव्य

पंचगव्य एक तरल जैविक खाद है जिसका इस्तेमाल भारत में कृषि और आयुर्वेद में सालों से हो रहा है. पंचगव्य को गाय से मिलने वाले 5 मुख्य उत्पादों से तैयार किया जाता है. इन पांच उत्पादों में गोमूत्र, गोबर, दूध, दही, घी शामिल हैं.

इस विधि से करें तैयार

पंचगव्य बनाने के लिए सबसे पहले गोबर और घी तो मिलाकर 2 से 3 दिन तक अच्छे से फेंटे. इसके बाद फेंटे हुए मिश्रण में गोमूत्र मिलाएं और 3 दिन तक रोज इस मिश्रण को हिलाते रहें. बाद में इसमें दही , दूध और अगर आप चाहें तो गुड़ या केला मिला दें. अब इस पूरे मिश्रण को 7 से 10 दिन के लिए रोज 1 से 2 बार हिलाएं. पंचगव्य बनकर तैयार हो जाएगा. इसको छानकर इसका इस्तेमाल करें.

ऐसे करें इस्तेमाल

फसलों पर इसका इस्तेमाल करने के लिए 3 से 5 लीटर पंचगव्य के घोल को 100 लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करें. बीज उपचार के लिए इसका इस्तेमाल करने के लिए बीजों को 30 मिनट के लिए पंचगव्य में भिगोकर रख दें. पंचगव्य का इस्तेमाल सिंचाई में भी किया जा सकता है, जिसके लिए पानी में 10 प्रतिशत पंचगव्य मिलाकर खेतों की सिंचाई कर सकते हैं.

पंचगव्य के लाभ

ये एक जैविक खाद है जिसके इस्तेमाल से मिट्टी की उर्वरक क्षमता को बढ़ाने में मदद मिलती है. ये फसलों के लिए कीटनाशक का काम भी करती है और बीजों को भी रोगमुक्त रखती है. इसके इस्तेमाल से पौधों का विकास तेजी से होता है. पंचगव्य फसलों के लिए टॉनिक का काम करता है और इसके इस्तेमाल से वातावरण को भी किसी तरह का नुकसान नहीं पहुंचता है.