उत्तर प्रदेश सरकार ने गरीब और जरूरतमंद लोगों को पोषण सामग्री (होम रेशन) सही तरीके से पहुंचाने के लिए एक नया तरीका शुरू किया है. अब राशन लेने वाले लोगों की पहचान फेस रिकग्निशन (चेहरे की पहचान) और OTP (वन टाइम पासवर्ड) से की जाएगी. इसका मकसद है कि राशन सही लोगों तक पहुंचे और कोई धोखाधड़ी न हो.
कैसे काम करेगा ये सिस्टम?
राशन लेने वाले लोगों की तस्वीर उनके आधार कार्ड से जुड़ी जानकारी से मिलाई जाएगी. इसके बाद उनके मोबाइल पर एक OTP आएगा, जिसे वे आंगनवाड़ी केंद्र पर दिखाएंगे. इससे पता चलेगा कि वही सही व्यक्ति है जिसे राशन मिलना है. इस तरह राशन वितरण में पारदर्शिता आएगी और गलत लोगों को राशन नहीं मिलेगा.
पोषण ट्रैकर ऐप की मदद
सरकार ने पोषण ट्रैकर नाम का एक मोबाइल ऐप बनाया है, जो बच्चों और माताओं की सेहत पर नजर रखेगा. यह ऐप यह भी बताएगा कि पोषण सामग्री सही समय पर और सही जगह पहुंच रही है या नहीं.
अब तक की तैयारी
इस सिस्टम को पहले कानपुर के कुछ इलाकों में आजमाया गया था और अब इसे पूरे प्रदेश में 1 जुलाई तक लागू कर दिया जाएगा. अभी तक 1.18 करोड़ लोगों का आधार से मिलान हो चुका है. कुछ जिलों में काम धीमा है, वहां ज्यादा ध्यान दिया जाएगा.
आगे क्या होगी योजना
1 अगस्त से नए लोगों को राशन लेने के लिए फेस रिकग्निशन में अपना पंजीकरण कराना जरूरी होगा. सरकार सिर्फ उन्हीं लोगों को राशन का पैसा देगी जो इस सिस्टम में पंजीकृत होंगे. इसके लिए जिला अधिकारी और विकास अधिकारी गांव-गांव जाकर लोगों की मदद करेंगे और उन्हें इस बारे में जानकारी देंगे. इससे राशन सही लोगों तक पहुंचेगा और कोई धोखाधड़ी नहीं हो पाएगी.