नकली खाद-बीज घोटाला: मंत्री किरोड़ी मीणा का चला ‘डंडा’, 11 अफसर सस्पेंड, 42 कंपनियों पर कार्रवाई

जांच में खुलासा हुआ कि दिसंबर 2024 में कृषि विभाग के अधिकारियों ने इन फैक्ट्रियों का निरीक्षण किया था, लेकिन गोरखधंधा सामने लाने की बजाय रिपोर्ट दबा दी. इस सांठगांठ और लापरवाही के कारण 11 अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया.

Kisan India
नई दिल्ली | Published: 14 Jun, 2025 | 11:13 AM

राजस्थान में किसानों की मेहनत के साथ खिलवाड़ कर रहे नकली खाद, बीज और कीटनाशक माफियाओं के खिलाफ अब सरकार पूरी तरह से एक्शन मोड में आ गई है. कृषि मंत्री डॉ. किरोड़ी लाल मीणा ने बीते 14 दिनों में अजमेर, गंगानगर और जयपुर में धड़ाधड़ छापेमारी कर जहां 42 कंपनियों पर कार्रवाई की, वहीं कृषि विभाग के 11 अफसरों को सस्पेंड कर दिया गया. आरोप है कि ये अफसर नकली खाद-बीज बेचने वाली कंपनियों के साथ मिलीभगत कर रहे थे और जानबूझकर उन्हें बचा रहे थे.

अजमेर में दिसंबर से चल रही थी सांठगांठ

अजमेर जिले के किशनगढ़ में 29-30 मई को की गई छापेमारी के दौरान पता चला कि नकली डीएपी, एनपीके, एसएसपी, एमओपी और फ्रॉम जैसे खाद उत्पादक फैक्ट्रियां दशकों से बिना रोक-टोक चल रही थीं. हैरानी की बात ये थी कि ये नकली उर्वरक सिर्फ राजस्थान में ही नहीं, बल्कि देश के 15-16 राज्यों में भेजे जा रहे थे.

जांच में खुलासा हुआ कि दिसंबर 2024 में कृषि विभाग के अधिकारियों ने इन फैक्ट्रियों का निरीक्षण किया था, लेकिन गोरखधंधा सामने लाने की बजाय रिपोर्ट दबा दी. इस सांठगांठ और लापरवाही के कारण 11 अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया. सभी के खिलाफ राजस्थान सिविल सेवा नियमों के तहत अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू हो गई है.

जयपुर में खतरनाक पेस्टीसाइड का पर्दाफाश

11 जून को जयपुर के बगरू और वीकेआई इलाके में की गई छापेमारी में नकली और प्रतिबंधित रसायन फोरेट भारी मात्रा में जब्त किया गया. यह फोरेट भारत सरकार द्वारा पूर्ण रूप से प्रतिबंधित है. मंत्री मीणा ने रात 2.30 बजे एडवांस एग्रो लाइफ, इंडोफिल, श्रीराम कृषि रसायन, न्यू केम एग्रो जैसी कंपनियों के गोदामों पर ताबड़तोड़ छापे मारे और पेस्टिसाइड एक्ट 1968 के तहत कानूनी कार्रवाई के आदेश दिए.

श्रीगंगानगर में घटिया बीज की फैक्ट्रियां सीज

3-4 जून को गंगानगर में 14 कंपनियों को सीज किया गया, जहां भारी अनियमितताएं मिलीं. बीजों की गुणवत्ता बेहद खराब थी, जिससे किसानों की फसलें खराब हो सकती थीं. मंत्री ने संकेत दिए हैं कि वहां के संबंधित अधिकारियों पर भी जल्द कार्रवाई की जाएगी. मंत्री मीणा ने साफ कहा है कि, “हम किसी को नहीं छोड़ेंगे, जो भी किसानों की जिंदगी से खिलवाड़ करेगा, उस पर सख्त से सख्त कार्रवाई होगी.” उनकी इस कार्रवाई से पूरे विभाग में हड़कंप मचा है, लेकिन किसानों के चेहरों पर राहत की झलक देखी जा रही है.

आगे भी जारी रहेगा अभियान

पिछले 14 दिनों में मंत्री मीणा ने अजमेर, जयपुर और गंगानगर जिलों में 42 कंपनियों पर छापेमारी की है. यह अभियान अब अन्य जिलों में भी चलेगा, ताकि राज्य के किसानों को असली और गुणवत्तापूर्ण कृषि उत्पाद उपलब्ध कराए जा सकें.

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