भारत का सबसे बड़ा चावल उत्पादक राज्य पश्चिम बंगाल एक बार फिर धान उत्पादन में नया इतिहास रचने की तैयारी कर रहा है. इस बार राज्य ने 42 लाख हेक्टेयर में धान की बुवाई का लक्ष्य रखा है, जो पिछले साल के मुकाबले ज्यादा है. साथ ही, सरकार का इरादा है कि वह 256 लाख टन के अपने पुराने रिकॉर्ड को भी तोड़ दे.
किसानों में उत्साह, सरकार को भरोसा
बिजनेस लाइन की खबर के अनुसार, पश्चिम बंगाल सरकार ने खरीफ सीजन 2025-26 के लिए जो योजना बनाई है, वह किसानों के उत्साह और सरकार के भरोसे को दर्शाती है. राज्य के पंचायत और ग्रामीण विकास मंत्री प्रदीप मजूमदार ने बताया कि इस बार बुवाई का लक्ष्य 42 लाख हेक्टेयर रखा गया है, जबकि पिछले साल यह 41.5 लाख हेक्टेयर था. उन्होंने बताया कि अभी तक राज्य में करीब 3 लाख हेक्टेयर में बुवाई पूरी भी हो चुकी है और जुलाई के अंत तक पूरे लक्ष्य को हासिल कर लिया जाएगा.
मंत्री ने यह भी कहा कि इस बार मानसून समय पर आया है और बारिश की स्थिति भी बेहतर है, जिससे किसानों को खेत तैयार करने और समय पर धान की बुवाई करने में काफी मदद मिल रही है. जब मौसम साथ देता है, तो खेती भी मुस्कराने लगती है.
नंबर 1 थे, और बने रहेंगे
पश्चिम बंगाल 2024-25 में 256 लाख टन धान उत्पादन के साथ पूरे देश में सबसे आगे रहा था. अब सरकार की मंशा है कि इस रिकॉर्ड को तोड़कर एक और कीर्तिमान स्थापित किया जाए.
प्रदीप मजूमदार ने कहा “हमारी हमेशा कोशिश होती है कि हम पिछली उपलब्धियों से आगे जाएं. इस साल भी हम उसी दिशा में काम कर रहे हैं. हम पहले भी नंबर 1 थे, और आगे भी रहेंगे.” उन्होंने यह भी बताया कि बंगाल में धान की खेती दो मौसमों में होती है- खरीफ और रबी. पिछली रबी फसल में ही राज्य ने 76 लाख टन धान पैदा किया था.
देशभर में खरीफ बुवाई में जोश
पश्चिम बंगाल अकेला नहीं है जहां खेती को लेकर उम्मीदें बढ़ी हैं. पूरे भारत में इस बार मानसून समय से पहले और अच्छी बारिश के कारण खरीफ की बुवाई तेजी से बढ़ी है. केयरएज रेटिंग्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, 7 जुलाई तक देशभर में बारिश सामान्य से 15 फीसदी अधिक रही है. इससे धान जैसी प्रमुख फसलों की बुवाई में 18.3 फीसदी की बढ़ोतरी देखी गई है.