चेन्नई में बढ़ते कूड़े के संकट को खत्म करने और शहर को स्वच्छ बनाने के लिए एक बड़ी पहल शुरू हो रही है. सिंगापुर की कंपनी ब्लू प्लैनेट एनवायरनमेंटल सॉल्यूशंस उत्तर चेन्नई के कोडुंगैयूर में दुनिया का सबसे बड़ा कूड़ा निपटान संयंत्र बनाने जा रही है. यह परियोजना सिर्फ कूड़ा साफ करने तक सीमित नहीं है, बल्कि किसानों के लिए कृषि कचरे से साफ-सुथरी ऊर्जा बनाने का भी रास्ता खोल रही है. इससे चेन्नई का पर्यावरण सुधरेगा और साथ ही लोगों की जिंदगी भी बेहतर बनेगी.
ब्लू प्लैनेट के सह-संस्थापक और सीईओ प्रशांत सिंह ने बताया कि वे कोडुंगैयूर के कूड़ा डंपयार्ड को पूरी तरह साफ करने जा रहे हैं. अगले तीन सालों में वहां का कूड़ा बिल्कुल गायब हो जाएगा. इस डंपयार्ड में करीब 66 लाख क्यूबिक मीटर कूड़ा जमा है, जो कई सालों से स्थानीय लोगों के लिए परेशानी और स्वास्थ्य का खतरा बना हुआ था.
इस समस्या से निपटने के लिए ब्लू प्लैनेट बायो-माइनिंग तकनीक का इस्तेमाल करेगा, जिससे पुराना कूड़ा रिसायकल और पुनःप्रसंस्कृत होगा. इससे न सिर्फ कूड़ा खत्म होगा, बल्कि पर्यावरण की भी रक्षा होगी.
इस परियोजना का एक खास हिस्सा है कि कंपनी स्थानीय किसानों के साथ मिलकर उनकी खेती के बचा हुआ कचरा, खासकर धान की पुआल, कंप्रेस्ड बायोगैस (CBG) में बदलेगी. इससे पराली जलाने जैसी समस्या कम होगी और किसानों को सस्ती और साफ ऊर्जा मिलेगी. यह कदम किसानों के लिए भी फायदेमंद और पर्यावरण के लिए लाभकारी है.
यह परियोजना चेन्नई को स्वच्छ और हराभरा बनाने में मदद करेगी. साथ ही, यह क्षेत्र में पर्यावरण प्रदूषण को भी कम करेगी. उत्तर चेन्नई दुनिया के बड़े अपशिष्ट प्रबंधन केंद्रों में से एक बन जाएगा और टिकाऊ विकास की दिशा में एक मिसाल कायम करेगा.