रानी लक्ष्मी बाई केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक डॉ. प्रभात तिवारी गोल्ड मेडल से सम्मानित

रानी लक्ष्मी बाई केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय, झांसी के डॉ. प्रभात तिवारी को कृषिवानिकी में उत्कृष्ट योगदान के लिए भारतीय कृषि वानिकी सोसाइटी ने गोल्ड मेडल से सम्मानित किया. यह सम्मान उन्हें राष्ट्रीय कृषिवानिकी दिवस पर उनके शोध और नवाचार के लिए दिया गया.

वेंकटेश कुमार
नोएडा | Published: 10 May, 2025 | 01:50 PM

झांसी स्थित रानी लक्ष्मी बाई केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक डॉ. प्रभात तिवारी को कृषिवानिकी क्षेत्र में उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए भारतीय कृषि वानिकी सोसाइटी द्वारा गोल्ड मेडल से सम्मानित किया गया है. डॉ. तिवारी वर्तमान में विश्वविद्यालय में कृषिवानिकी के सहायक प्राध्यापक के रूप में कार्यरत हैं. यह सम्मान उन्हें राष्ट्रीय कृषिवानिकी दिवस के अवसर पर केंद्रीय कृषि वानिकी अनुसंधान संस्थान, झांसी में आयोजित समारोह में प्रदान किया गया. पुरस्कार समारोह में मुख्य अतिथि डॉ. गुरवचन सिंह (पूर्व चेयरमैन, एएसआरबी) के साथ-साथ संस्थान के निदेशक डॉ. अरुणाचलम, डॉ. ओपी चतुर्वेदी, डॉ. शिवकुमार ध्यानी और डॉ. ए वेलमुर्गन जैसे गणमान्य वैज्ञानिक भी मौजूद रहे.

डॉ. तिवारी को यह सम्मान कृषिवानिकी शोध एवं इसके प्रसार में उत्कृष्ट कार्य, किसानों की भूमि पर उन्नत मॉडल तैयार करने और लगातार क्षेत्र में नवाचार के लिए दिया गया है. उनकी इस उपलब्धि पर विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. अशोक कुमार सिंह, अधिष्ठाता मनीष श्रीवास्तव, निदेशक प्रसार शिक्षा डॉ. एसके सिंह और एसोसिएट डीन डॉ. एमजे डोबरियाल ने उन्हें बधाई दी और उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं दीं.

331.9 करोड़ रुपये की परियोजना की मंजूरी

बता दें कि रानी लक्ष्मी बाई केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय कृषि सेक्टर में विकास के लिए नए-नए शोध कर रहा है. पिछले साल ही सरकारी कंपनी एनबीसीसी (NBCC) को रानी लक्ष्मी बाई केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय के इन्फ्रास्ट्रक्चर विकसित करने के लिए 331.9 करोड़ रुपये की परियोजना का कॉन्ट्रैक्ट मिला था. एनबीसीसी मुख्य रूप से प्रोजेक्ट मैनेजमेंट कंसल्टेंसी (PMC) और रियल एस्टेट क्षेत्र में काम करती है. एनबीसीसी ने जारी बयान में कहा था कि वह अगले तीन वर्षों में विश्वविद्यालय के झांसी, दतिया, निवारि और मुरैना/खजुराहो कैंपस में विभिन्न विकास कार्यों को अंजाम देगी.

लैब्स सहित एकेडमिक बिल्डिंग का निर्माण

एनबीसीसी ने कहा था कि झांसी कैंपस में छात्रावास (लड़कों और लड़कियों के लिए), क्लासरूम और लैब्स सहित एकेडमिक बिल्डिंग का निर्माण किया जाएगा. जबकि, दतिया कैंपस में ऑडिटोरियम, खेल सुविधा, मत्स्य पालन तालाब और छात्रावासों का निर्माण किया जाएगा. इस परियोजना के तहत विश्वविद्यालय की शैक्षणिक और बुनियादी ढांचे की जरूरतों को मजबूत करने पर जोर दिया गया है, जिससे छात्रों को बेहतर सुविधाएं मिल सकेंगी.

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