तमिलनाडु सरकार ने केंद्र सरकार के उस निर्देश को ठुकरा दिया है जिसमें राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) के लाभार्थियों को तीन महीने का राशन (चावल और गेहूं) एक साथ देने को कहा गया था. मई में केंद्र सरकार के खाद्य विभाग ने तमिलनाडु समेत सभी राज्यों को निर्देश दिया था कि जून, जुलाई और अगस्त महीने का राशन एक साथ दिया जाए, ताकि बरसात और खराब मौसम की वजह से होने वाले नुकसान से बचा जा सके. इसके लिए भारतीय खाद्य निगम (FCI) को राज्यों के साथ समन्वय करने को भी कहा गया था.
द न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, केंद्र ने कहा कि बाढ़, बारिश और भंडारण की दिक्कतों से बचने के लिए ये कदम जरूरी है. शुरुआत में तमिलनाडु सरकार ने एडवांस में राशन उठाने पर सहमति जताई थी, लेकिन बाद में उसने फैसला बदल दिया. एफसीआई के सूत्रों के मुताबिक, ओडिशा और मध्यप्रदेश जैसे कुछ राज्यों ने पहले ही तीन महीने का राशन एक साथ बांट दिया है. केंद्र के नियमों के अनुसार, FCI को छह महीने की जरूरत के बराबर अनाज का भंडार बनाए रखना होता है.
इतना सारा राशन बांटना जमीनी स्तर पर मुश्किल है
चावल के एडवांस उठाव से जहां गोदामों में भंडारण क्षमता बढ़ेगी और नुकसान कम होगा. वहीं तमिलनाडु सरकार ने इस पर व्यवहारिक दिक्कतें बताते हुए तीन महीने का राशन एक साथ बांटने से इनकार कर दिया है. तमिलनाडु के सिविल सप्लाई और कंज़्यूमर प्रोटेक्शन विभाग ने केंद्र को बताया कि फिलहाल मासिक वितरण की मौजूदा व्यवस्था ही जारी रहेगी, क्योंकि एक साथ इतना सारा राशन बांटना जमीनी स्तर पर मुश्किल है.
ज्यादातर राशन दुकानों में जगह की कमी
एक अधिकारी ने कहा कि अंत्योदय अन्न योजना (AAY) के कार्डधारकों को हर महीने 35 किलो चावल मिलता है. अगर तीन महीने का राशन एक साथ दिया जाए तो 105 किलो चावल मिलेंगे. इसे घर तक ले जाना बहुत लोगों के लिए भारी पड़ेगा. साथ ही, ज्यादातर राशन दुकानों में इतनी जगह नहीं है कि वो तीन महीने का स्टॉक रख सकें.
राशन वितरण में आ रहीं ये दिक्कतें
उन्होंने कहा कि अधिकतर राशन दुकानें सिर्फ दो कमरों में चलती हैं. एक में बिलिंग और आधार-बायोमेट्रिक होती है, दूसरे में सामान दिया जाता है. POS मशीनें अब तौल मशीनों से जुड़ी हैं, ऐसे में एक ही व्यक्ति के लिए बिलिंग और वितरण दोनों काम संभालना बहुत मुश्किल हो जाएगा, खासकर जब तीन महीने का राशन एक साथ देना हो.तमिलनाडु सरकार के एक अधिकारी ने कहा कि अगर भविष्य में सरकार चुनिंदा लाभार्थियों के लिए राशन की होम डिलीवरी शुरू करती है, तो ऐसी योजनाएं लागू करना आसान होगा. फिलहाल, राज्य सरकार ने तीन महीने का राशन एक साथ बांटने के केंद्र सरकार के निर्देश को लागू न करने का फैसला किया है.