बरसात और बाढ़ के मौसम में सबसे बड़ी समस्या हरे चारे की उपलब्धता नहीं, बल्कि उसकी गुणवत्ता होती है. नमी वाला चारा बकरियों में पेट संबंधी बीमारियां को बढ़ा देता है.
पेड़ों की पत्तियां इस मौसम में बकरियों के लिए सबसे सुरक्षित चारा साबित होती हैं. इनमें नमी कम होती है और ये खेतों के हरे चारे की तरह कीटों से दूषित नहीं होतीं.
नीम, अमरुद और मोरिंगा (सहजन) की पत्तियां बरसात में बकरियों के लिए बेहतरीन विकल्प हैं. ये पौष्टिक होने के साथ-साथ सुरक्षित भी रहती हैं.
इन पत्तियों में प्रोटीन और टेनिन की भरपूर मात्रा होती है, जो बकरियों के पेट के कीड़ों को खत्म करने और पाचन को दुरुस्त रखने में मदद करती है.
बरसात के दूषित पानी से बकरियों के पेट में कीड़े होना आम बात है. ऐसे में ये पत्तियां प्राकृतिक दवा की तरह काम करती हैं और इलाज का खर्च भी बचाती हैं.
नीम, अमरुद और मोरिंगा की पत्तियां न सिर्फ बीमारियों से बचाती हैं, बल्कि बकरियों की ग्रोथ को भी प्रभावित नहीं होने देतीं और उन्हें स्वस्थ बनाए रखती हैं.