Green Fodder: बरसात और गर्मी के मौसम में जब हरा चारा खराब हो जाता है, तो भूसे को प्रोसेस करके पोषक चारे के रूप में इस्तेमाल करना एक कारगर विकल्प साबित हो सकता है.
Protein Rich Fodder: गेहूं, धान या ज्वार-बाजरे के भूसे को सिर्फ सूखा चारा मानने के बजाय, यूरिया और पानी के घोल से ट्रीट करने पर यह प्रोटीन युक्त चारा बन जाता है.
Urea Treated Straw: एक क्विंटल भूसे में चार किलो यूरिया और चालीस लीटर पानी का घोल डालकर 21 दिन तक ढक कर रखने से यह मुलायम, हरे जैसा और पौष्टिक चारा तैयार हो जाता है.
Animal Husbandry Tips: भूसे में मोलास (गुड़ का घोल) मिलाने से चारे का स्वाद और ऊर्जा बढ़ती है, जिससे पशु इसे शौक से खाते हैं और उनकी पाचन क्षमता भी बेहतर होती है.
Pashu Palan: यूरिया ट्रीटेड भूसे में मिनरल मिक्सचर और नमक मिलाने से यह संतुलित डाइट बनती है, जिससे पशुओं की रोग-प्रतिरोधक क्षमता और दूध उत्पादन में सुधार होता है.
Pashuon Ke Liye Chara: भूसे से बना चारा किसानों को बाजार से महंगा चारा खरीदने से बचाता है, खेत का अवशेष भी काम आता है और पशुपालन को ज्यादा लाभकारी बनाता है.