टी बैग्स को मिट्टी में डालने से यह धीरे-धीरे सड़ते हैं और नाइट्रोजन रिलीज करते है. जो मिट्टी की गुणवत्ता को बेहतर करने के साथ पौधों की जड़ों को भी मजबूत करते हैं. लेकिन इसका इस्तेमाल नियमित रूप से करना बेहद जरूरी होता हैं.
इसका उपयोग सही तरीके से करने के लिए इन टी बैग्स को सीधे तौर पर बोने के बजाए उन्हें फाड़कर उनकी हरी पत्तियों को मिट्टी में एक इंच नीचे दबा दें. कुछ ही हफ्तों में आपको इसके फायदे दिखने लगेंगे. टी बैग्स कई तरीके के होते हैं.
आप चाहें तो बगीचों में टी बैग्स के बॉर्डर बना कर कीटों को दूर रख सकते हैं. इसके अलावा टी बैग्स को कंपोस्ट की तरह भी इस्तेमाल किया जा सकता है. लेकिन ध्यान रखें कि सिर्फ वही टी बैग्स कंपोस्ट में जाएं जो बायोडिग्रेडेबल हों.
इसके साथ ही अगर आपके बगीचे में चींटियां लगी हो तो पेपरमिंट फ्लेवर वाले टी बैग्स का इस्तेमाल कर सकते हैं. इसमें मौजूद मेन्थॉल की गंध उन्हें दूर रखने में मदद करती है. इसके लिए इस्तेमाल किए हुए टी बैग्स को सुखाकर चींटियों के आने-जाने वाले रास्तों पर रख दें.
अगर ग्नैट्स (छोटे उड़ने वाले कीट) या मिट्टी में रहने वाले अन्य कीड़े परेशान कर रहे हों, तो साइट्रस यानी नींबू, संतरा वाले टी बैग्स को मिट्टी के पास रखें. इनमें मौजूद तेल कीटों को दूर भगाते हैं. वहीं, ग्रीन या ब्लैक टी बैग्स नमी मिट्टी की महक को छुपाकर कीटों को पास आने से रोकते हैं.