आपके खेत के लिए कौन सा ट्रैक्टर बेस्ट है? ये टिप्स करेंगे आपकी मदद

हर खेत की अपनी अलग जरूरत होती है. इसलिए सबसे पहले आपको यह समझना होगा कि आपकी जमीन और फसल को किस तरह के ट्रैक्टर की जरूरत है. अगर आपका खेत बड़ा है, तो आपको ज्यादा पावर वाला ट्रैक्टर चाहिए होगा. वहीं छोटे खेतों के लिए छोटे और कम पावर वाले ट्रैक्टर बेहतर रहते हैं.

नई दिल्ली | Published: 18 Jun, 2025 | 04:25 PM

खेती में ट्रैक्टर का सही चुनाव करना बहुत जरूरी होता है. एक अच्छा ट्रैक्टर न केवल आपकी मेहनत को कम करता है, बल्कि आपकी फसल की पैदावार को भी बढ़ाता है. लेकिन बाजार में कई तरह के ट्रैक्टर उपलब्ध हैं, इसलिए सही ट्रैक्टर चुनना थोड़ा मुश्किल हो सकता है. तो चलिए जानते हैं कि अपने खेत के लिए सबसे उपयुक्त ट्रैक्टर कैसे चुनें.

खेत की जरूरतों को समझें

हर खेत की अपनी अलग जरूरत होती है. इसलिए सबसे पहले आपको यह समझना होगा कि आपकी जमीन और फसल को किस तरह के ट्रैक्टर की जरूरत है. अगर आपका खेत बड़ा है, तो आपको ज्यादा पावर वाला ट्रैक्टर चाहिए होगा, जो जल्दी और आसानी से काम कर सके.

वहीं छोटे खेतों के लिए छोटे और कम पावर वाले ट्रैक्टर बेहतर रहते हैं क्योंकि वे आसानी से चलाए जा सकते हैं और खर्च भी कम आता है. इसके अलावा, फसल की प्रकृति भी ट्रैक्टर चुनने में अहम भूमिका निभाती है. जैसे धान की खेती के लिए ऐसे ट्रैक्टर की जरूरत होती है जो फिसलन में भी टिकाऊ हो, जबकि बागवानी के लिए ऐसे ट्रैक्टर चाहिए जो तेज मोड़ ले सके.

हॉर्सपावर का चुनाव

ट्रैक्टर की ताकत को हॉर्सपावर (HP) में मापा जाता है. यह बताता है कि ट्रैक्टर कितनी मेहनत कर सकता है. छोटे खेतों के लिए 20 से 30 हॉर्सपावर वाले ट्रैक्टर उपयुक्त होते हैं. मध्यम आकार के खेतों के लिए 40 से 50 हॉर्सपावर वाले ट्रैक्टर सही रहते हैं, जबकि बड़े खेतों के लिए 60 हॉर्सपावर या उससे ज्यादा की जरूरत होती है. सही हॉर्सपावर का ट्रैक्टर चुनने से आपका काम जल्दी और बेहतर होता है.

ईंधन की बचत पर ध्यान दें

खेती में ईंधन की लागत एक बड़ा खर्च होता है. इसलिए ऐसे ट्रैक्टर का चयन करें जो ईंधन की बचत करे. आजकल टर्बो इंजन वाले ट्रैक्टर बाजार में उपलब्ध हैं, जो कम ईंधन में ज्यादा ताकत देते हैं. साथ ही, ट्रैक्टर की नियमित देखभाल भी ईंधन की बचत में मदद करती है. अगर आप कम खर्च में अच्छा ट्रैक्टर चाहते हैं तो इंडो फार्म के 3055 DI जैसे मॉडल पर ध्यान दे सकते हैं, जो ईंधन की बचत के लिए जाने जाते हैं.

ट्रांसमिशन सिस्टम का महत्व

ट्रांसमिशन सिस्टम यह तय करता है कि इंजन की ताकत पहियों तक कैसे पहुंचती है. मैनुअल ट्रांसमिशन वाले ट्रैक्टर में आपको ज्यादा नियंत्रण मिलता है, खासकर जुताई और हल चलाने जैसे कामों में. वहीं, ऑटोमैटिक ट्रांसमिशन वाले ट्रैक्टर आसान होते हैं और उन कामों के लिए बेहतर हैं जहां बार-बार स्पीड बदलनी पड़ती है. हाइड्रोस्टैटिक ट्रांसमिशन वाले ट्रैक्टर में गियर बदलने की जरूरत नहीं होती और यह बहुत सटीक नियंत्रण देते हैं, लेकिन ये थोड़ा महंगे होते हैं.

आराम और सुरक्षा भी जरूरी है

खेत में लंबे समय तक काम करने के लिए ट्रैक्टर का आरामदायक होना जरूरी है. आरामदायक सीट और अच्छी विजिबिलिटी से काम करने वाले की थकान कम होती है और काम में दक्षता बढ़ती है. इसके अलावा, ट्रैक्टर में अच्छे ब्रेक और स्थिरता भी जरूरी है ताकि काम करते समय कोई दुर्घटना न हो.

खेती के उपकरणों के साथ संगतता

ट्रैक्टर का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इसे कई तरह के कृषि उपकरणों के साथ जोड़ा जा सकता है. इसलिए ट्रैक्टर चुनते समय यह देखना चाहिए कि वह आपके आवश्यक उपकरणों जैसे हल, बीज बोने वाली मशीन, ट्रॉली आदि के साथ आसानी से जुड़ सके. पावर टेक-ऑफ (PTO) और थ्री-पॉइंट हिच सिस्टम की उपस्थिति भी जरूरी होती है, जो उपकरणों को चलाने और नियंत्रित करने में मदद करते हैं.

बजट और फाइनेंसिंग विकल्प

ट्रैक्टर खरीदना एक बड़ा निवेश होता है, इसलिए बजट का ध्यान रखना जरूरी है. इंडो फार्म जैसे ब्रांड्स किसानों के लिए आसान फाइनेंसिंग विकल्प भी देते हैं, जिससे बिना ज्यादा डाउन पेमेंट के ट्रैक्टर खरीदा जा सकता है. साथ ही, टिकाऊ ट्रैक्टर होने से रखरखाव पर खर्च भी कम आता है. अच्छी सर्विस और वारंटी भी खरीदारी के समय ध्यान में रखनी चाहिए.

पर्यावरण के प्रति जागरूकता

आजकल किसान पर्यावरण की सुरक्षा को लेकर जागरूक हैं. ऐसे में कम प्रदूषण करने वाले और ईंधन की बचत करने वाले ट्रैक्टर चुनना बेहतर होता है. इंडो फार्म के ट्रैक्टर पर्यावरण के अनुकूल तकनीक से बने होते हैं, जो खेती को टिकाऊ और स्वच्छ बनाते हैं.