किसानों को मिलेगा पल-पल का मौसम अपडेट, IIT ने तैयार किया ऑटोमैटिक वेदर स्टेशन

आईआईटी रोपड़ द्वारा विकसित वेदर स्टेशन जलवायु परिवर्तन से जूझ रहे किसानों के लिए राहत बन सकते हैं. ये स्टेशन सटीक मौसम जानकारी देकर फसलों की सुरक्षा में मदद करते हैं.

नोएडा | Updated On: 28 May, 2025 | 02:57 PM

जलवायु परिवर्तन का असर अब खेती पर भी साफ नजर आ रहा है. हाल के वर्षों में भारी बारिश, बादल फटना और ओलावृष्टि जैसी घटनाओं ने पंजाब और हिमाचल समेत कई राज्यों में किसानों को काफी नुकसान पहुंचाया है. इससे किसानों के साथ-साथ बागवानी करने वालों की इनकम और संपत्ति को नुकसान पहुंचा है. इस समस्या से निपटने और किसानों को सही मौसम जानकारी देने के लिए  पंजाब स्थित आईआईटी रोपड़ ने एक ऑटोमैटिक वेदर स्टेशन तैयार किया है. यह डिवाइस किफायती है और इसकी कीमत करीब 15,000 रुपये है. किसान इसे खुद भी लगवा सकते हैं, जिससे उन्हें सरकारी मदद का इंतजार नहीं करना पड़ेगा.

द ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, उत्तर प्रदेश और हरियाणा सरकार ने इस तकनीक में रुचि दिखाई है. यूपी सरकार ने 3,000 और हरियाणा ने 500 वेदर स्टेशन का ऑर्डर IIT रोपड़ को दिया है. हालांकि, पंजाब और हिमाचल की सरकारों ने अब तक इस तकनीक में कोई खास रुचि नहीं दिखाई है, जबकि इससे उनके राज्य के किसान भी लाभ उठा सकते हैं. आईआईटी रोपड़ के डायरेक्टर प्रोफेसर राजीव अहूजा ने कहा कि यह वेदर स्टेशन एक आधुनिक तकनीक है, जो खुद से मौसम की जानकारी रिकॉर्ड करता है और किसानों को सटीक जानकारी देने में मदद करता है.

सेंसर से लैस है वेदर स्टेशन

आईआईटी रोपड़ द्वारा तैयार किए गए यह वेदर स्टेशन कई तरह के सेंसर से लैस हैं, जो मौसम से जुड़ी जरूरी जानकारी बहुत सटीकता से मापते हैं. इन्हें जरूरत के अनुसार अतिरिक्त सेंसर लगाकर कस्टमाइज़ भी किया जा सकता है. भारतीय मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, ये वेदर स्टेशन 99 फीसदी तक सटीक डेटा देते हैं. ये स्टेशन हवा का तापमान, नमी, हवा की गति और दिशा, बारिश की मात्रा, वायुमंडलीय दबाव, सूरज की रोशनी, मिट्टी का तापमान और मिट्टी में नमी को माप सकते हैं. इसके अलावा इनमें एयर क्वालिटी सेंसर भी लगे होते हैं जो प्रदूषकों जैसे PM10, PM2.5, CO₂, NO₂, SO₂, CO और TVOC की मात्रा भी बताते हैं.

मौसम की जानकारी कर सकते हैं रिकॉर्ड

इन स्टेशनों में एक डेटा लॉगर और SD कार्ड स्टोरेज होता है, जिससे यह लगातार मौसम की जानकारी रिकॉर्ड कर सकते हैं. साथ ही 4G मॉडेम के जरिए यह क्लाउड पर रियल-टाइम डेटा भेजते हैं. आईआईटी रोपड़ के डायरेक्टर प्रोफेसर राजीव अहूजा के मुताबिक, ये वेदर स्टेशन खेती, शहरी योजना, आपदा प्रबंधन और पर्यावरण निगरानी जैसे क्षेत्रों में बहुत उपयोगी हैं, क्योंकि ये तुरंत और सटीक मौसम की जानकारी उपलब्ध कराते हैं.

15 किलोमीटर के क्षेत्र को कवर करता है

आईआईटी रोपड़ द्वारा बनाए गए ये वेदर स्टेशन स्थानीय स्तर पर मौसम की सटीक भविष्यवाणी करने में सक्षम हैं, जो 10 से 15 किलोमीटर के क्षेत्र को कवर कर सकते है. इनसे किसानों को समय रहते फसल की सुरक्षा के लिए जरूरी कदम उठाने में मदद मिल सकती है. उत्तर प्रदेश में न सिर्फ किसान, बल्कि ज़ोमैटो और स्विगी जैसी डिलीवरी कंपनियां भी इन वेदर स्टेशनों से मिले डेटा का इस्तेमाल ऑर्डर डिलीवरी टाइम तय करने के लिए कर रही हैं. जब प्रोफेसर राजीव अहूजा से पूछा गया कि पंजाब में अब तक ये वेदर स्टेशन क्यों नहीं लगाए गए हैं, तो उन्होंने बताया कि पंजाब सरकार ने इस प्रोजेक्ट में कोई रुचि नहीं दिखाई है.

Published: 28 May, 2025 | 02:48 PM