पंजाब-हरियाणा के बीच पानी को लेकर जारी जंग कम होने के बजाए बढ़ती ही जा रही है. इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि पंजाब-हरियाणा पानी की लड़ाई गोविंद सागर की गाद सफाई पर पहुंच गई है. मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा है कि गोविंद सागर जलाशय की गाद निकालने के लिए तेजी से काम शुरू किए जाएं. हरियाणा अपने हिस्से का पूरा खर्च प्राथमिकता के आधार पर देने को तैयार है.
दरअसल, दोनों राज्यों में पानी बंटवारे पर बैठकों का दौर जारी है. मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी पानी विवाद को हल करने को लेकर काफी एक्टिव नजर आ रहे हैं. उनके नेतृत्व में शनिवार को जल बंटवारे पर सर्वदलीय बैठक हुई. इस बैठक में सर्वसम्मति से फैसला लिया गया कि हरियाणा सरकार पंजाब से आग्रह करेगा कि वह 8500 क्यूसेक पानी देने के फैसले को बिना शर्त लागू करें.
उनके मुताबिक, हरियाणा के हिस्से के पानी पर लगाई गई रोग अमानवीय, अनुचित, अवैध एवं असंवैधानिक है, जिसे तुरंत हटाया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार द्वारा पुलिस बल का उपयोग करके भाखड़ा-नंगल डैम की चाबियों को अपने कब्जे में लेना भी एक अत्यंत गंभीर और असंवैधानिक कदम है. यह हरियाणा के लोगों को स्वीकार्य नहीं है.
SYL नहर का निर्माण जल्द करवाया जाए
सीएम सैनी ने कहा कि पंजाब की आम आदमी पार्टी सरकार हरियाणा के हक का पानी रोक रही है. इससे भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड की स्वायत्तता और हरियाणा की जनता के साथ अन्याय हो रहा है. सभी दलों ने मिलकर यह संकल्प लिया है कि SYL नहर का निर्माण जल्द करवाया जाएगा. इसके लिए सभी कानूनी लड़ाइयों और राजनीतिक प्रयासों में हरियाणा सरकार का साथ दिया जाएगा. राज्य और केंद्र स्तर पर मिलकर काम किया जाएगा.
गोविंद सागर जलाशय की सफाई
मुख्यमंत्री ने कहा कि गोविंद सागर जलाशय की गाद निकालने के लिए तत्परता से प्रयास शुरू किए जाएं. हरियाणा अपने हिस्से का पूरा खर्च प्राथमिकता के आधार पर देने को तैयार है. हम दोनों राज्यों के परिवारजनों से अपील करते हैं कि वे आपसी सौहार्द एवं शांति बनाए रखें. साथ ही, इनमें खलल डालने की मंशा रखने वाले स्वार्थी तत्वों के भ्रामक प्रचार से बचें. उन्होंने कहा कि पानी से संबंधित एक-एक आंकड़ा और एक-एक प्वाइंट हमारे पास है. हमें उतना ही पानी चाहिए, जितना पहले हमें दिया गया है. पंजाब के परिवारजन भी इस बात को समझते हैं, यह राजनीति का विषय नहीं है, बल्कि लोगों को पानी देने का विषय है.
भगवंत मान पर बरसे किसान नेता
वहीं, भारतीय किसान एकता बीकेई कार्यालय सिरसा से प्रदेशाध्यक्ष लखविंदर सिंह औलख ने किसानों से पानी की किल्लत पर बातचीत करते हुए पंजाब की भगवंत मान सरकार पर पीने वाले पानी पर गंदी राजनीति करने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि भाखड़ा मैनेजमेंट बोर्ड की तरफ से भाखड़ा मेन लाइन नहर के माध्यम से हरियाणा को 9000 क्यूसेक पानी आता है. जिसमें से दिल्ली, राजस्थान और पंजाब को 1900 क्यूसेक पीने का पानी दिया जाता है. लेकिन कुछ राजनीतिक लोग अपनी राजनीतिक रोटियां सेकने से बाज नहीं आ रहे हैं.
गैर जिम्मेदाराना बयान
उन्होंने कहा कि पंजाब के सीएम भगवंत मान ने पीने वाले पानी पर गैर जिम्मेदाराना बयान दिया है, जिसकी हम कड़े शब्दों में निंदा करते हैं. हम भगवंत मन से कहना चाहते हैं कि पानी पर कंट्रोल भगवान का है, जब भगवान की मर्जी हुई तो आप किसी भी सूरत में पानी नहीं रोक पाओगे. इसलिए इस पर सियासत न करते हुए पीने का पानी सभी राज्यों को दें. दिल्ली की जनता ने आप को सत्ता से बाहर किया है, अब आप पंजाब में भी अपना विश्वास खो चुके हैं. इसलिए आप ऐसी हरकतें ना करें.