पंजाब में अगले कुछ घंटे भारी! आज यूपी-बिहार समेत इन राज्यों होगी मूसलाधार बारिश

पंजाब में इस बार मानसून का सबसे बड़ा प्रकोप देखने को मिला. अब तक यहां 37 लोगों की मौत हो चुकी है और 1400 से ज्यादा गांव जलमग्न हो गए हैं. खेत-खलिहान पानी में डूब गए हैं और किसानों की मेहनत पर पानी फिर गया है.

नई दिल्ली | Published: 5 Sep, 2025 | 07:19 AM

मानसून इस बार पूरे उत्तर भारत पर भारी पड़ा है. कहीं तेज बारिश ने राहत दी, तो कहीं उसने तबाही मचा दी. पंजाब, जम्मू और कश्मीर जैसे राज्यों में बाढ़ का कहर जारी है, जबकि दिल्ली और बिहार में हालात और बिगड़ने की चेतावनी दी जा रही है. मौसम विभाग के ताजा पूर्वानुमान के मुताबिक, आज से कुछ राज्यों में बारिश से राहत मिल सकती है, लेकिन कुछ इलाकों में अब भी खतरा टलने वाला नहीं है.

दिल्ली: तीन दिन और भीग सकती है राजधानी

दिल्ली वालों के लिए बारिश अब किसी राहत से ज्यादा आफत बन चुकी है. 5 सितंबर को भी यहां बारिश से छुटकारा नहीं मिलेगा. मौसम विभाग का कहना है कि अगले तीन दिन तक बूंदाबांदी और तेज बरसात का सिलसिला जारी रह सकता है.

यमुना किनारे बसे निचले इलाकों में हालात सबसे गंभीर हैं. बदरपुर, निगमबोध घाट, खादर, गढ़ी मांडू, पुराना उस्मानपुर गांव, मोनेस्ट्री, यमुना बाजार और विश्वकर्मा कॉलोनी जैसे क्षेत्रों में पानी भर गया है. यहां के लोग अपने घरों को छोड़कर सुरक्षित ठिकानों की तलाश में हैं. कई परिवारों को राहत शिविरों में शिफ्ट किया गया है.

उत्तर प्रदेश: पश्चिमी जिलों में अलर्ट

उत्तर प्रदेश के ज्यादातर हिस्सों में आज से बारिश थमने के आसार हैं. हालांकि, राहत के साथ ही गर्मी का पारा भी ऊपर चढ़ सकता है. लेकिन पश्चिमी यूपी के गाजियाबाद, नोएडा और बागपत जैसे जिलों में मौसम विभाग ने भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है. दिल्ली से सटे ये जिले राजधानी की तरह ही संकट झेल रहे हैं. प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे अनावश्यक बाहर न निकलें और सुरक्षित जगहों पर रहें.

पंजाब: बाढ़ से तबाही, लेकिन आसमान से राहत

पंजाब में इस बार मानसून का सबसे बड़ा प्रकोप देखने को मिला. अब तक यहां 37 लोगों की मौत हो चुकी है और 1400 से ज्यादा गांव जलमग्न हो गए हैं. खेत-खलिहान पानी में डूब गए हैं और किसानों की मेहनत पर पानी फिर गया है.

हालांकि, 5 सितंबर से पंजाब में मौसम साफ होने की उम्मीद है. अगले पांच दिनों तक धूप निकल सकती है, जिससे बाढ़ का पानी धीरे-धीरे उतरना शुरू होगा. लेकिन तबाही के निशान लंबे समय तक लोगों को परेशान करते रहेंगे. एनडीआरएफ की टीमें लगातार गांव-गांव जाकर राहत और बचाव कार्य में जुटी हैं.

जम्मू-कश्मीर: बर्फबारी और टूटा संपर्क

जम्मू-कश्मीर में बारिश और बाढ़ ने जीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है. गुलमर्ग, पहलगाम और सोनमर्ग जैसे ऊंचाई वाले इलाकों में हल्की बर्फबारी की संभावना जताई गई है. हालांकि, मैदानों में आज से बारिश कुछ कम हो सकती है.

सबसे बड़ी समस्या यहां टूटी सड़कों और पुलों की है. जम्मू-श्रीनगर हाईवे, मुगल रोड और किश्तवाड़-अनंतनाग मार्ग बंद हो चुके हैं. कई गांव बाढ़ में डूब गए और सैकड़ों घर गिर गए. लोगों को सुरक्षित जगहों पर भेजा जा रहा है, लेकिन हजारों परिवार अभी भी फंसे हुए हैं.

बिहार: भारी बारिश की चेतावनी

बिहार के लिए 5 सितंबर का दिन मुश्किलें बढ़ा सकता है. उत्तरी जिलों में मध्यम से भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है. सीतामढ़ी, शिवहर, मुजफ्फरपुर, दरभंगा, समस्तीपुर, वैशाली, सहरसा और सुपौल जैसे जिले सबसे ज्यादा प्रभावित हो सकते हैं.

यहां वज्रपात और आकाशीय बिजली गिरने का भी खतरा है. प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे खुले मैदान और पेड़ों के नीचे न जाएं. लगातार हो रही बारिश से गंगा और उसकी सहायक नदियों का जलस्तर भी बढ़ रहा है.

उत्तराखंड और हिमाचल: राहत के संकेत

उत्तराखंड में 5 सितंबर को ज्यादातर जिलों में मौसम साफ रहेगा. हालांकि, नैनीताल और बागेश्वर में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है. पहाड़ी रास्तों पर फिसलन और भूस्खलन की संभावना बनी हुई है.

हिमाचल प्रदेश में लोगों को थोड़ी राहत मिलेगी. यहां बारिश को लेकर किसी भी तरह का अलर्ट नहीं है और तापमान में हल्की बढ़ोतरी हो सकती है. यह राहत उन लोगों के लिए बड़ी बात है, जिन्होंने पिछले महीनों में लगातार बारिश और भूस्खलन से मुश्किलें झेली थीं.

मध्य प्रदेश: नया संकट

मध्य प्रदेश के पश्चिमी और उत्तरी जिलों में 5 सितंबर को मूसलाधार बारिश की चेतावनी है. रतलाम, मंदसौर, उज्जैन, धार और बड़वानी जैसे जिलों में लोग अलर्ट पर हैं. खेतों में खड़ी फसलें डूबने का खतरा है और ग्रामीण इलाकों में छोटे पुल-पुलिया बह जाने की आशंका जताई जा रही है.

राहत और डर के बीच मानसून

मानसून ने एक ओर गर्मी से राहत दी, तो दूसरी ओर लोगों की जिंदगी पर संकट भी खड़ा कर दिया. दिल्ली और बिहार जैसे राज्यों में खतरा अभी टला नहीं है, वहीं पंजाब और जम्मू-कश्मीर में तबाही के निशान गहरे हैं. आने वाले कुछ दिनों में मौसम साफ होने की उम्मीद है, लेकिन तब तक लाखों लोगों के लिए यह मानसून मुश्किलों से भरा रहेगा.