भारतीय मॉनसून पूरे रफ्तार के साथ देशभर में सक्रिय है. मप्र, यूपी, राजस्थान, बिहार और हिमाचल-उत्तराखंड जैसी राज्यों ने जहां हाल ही में भारी बारिश और बाढ़ का सामना किया, वहीं यूपी और दिल्ली-एनसीआर में बदलावों के बीच सावधानी की स्थिति बनी हुई है. मौसम विभाग (IMD) की नवीनतम रिपोर्ट से यही संकेत मिलता है कि आने वाले कुछ दिनों में बारिश और बादल की चाल से हमें सतर्क रहने की जरूरत है. आइए, विस्तार से जानते हैं कि आपके क्षेत्र में मौसम कैसा रहेगा और क्या सावधानियां बरतनी चाहिए.
दिल्ली-एनसीआर में बदली मौसम की तस्वीर
दिल्ली-एनसीआर में मौसम का मिजाज बदल चुका है. हाल ही में यहां हल्की बारिश दर्ज हुई है, जिसके बाद से मौसम विभाग ने ‘येलो अलर्ट’ जारी किया है. 19 जुलाई के लिए यह अलर्ट जारी रहा है और मौसम पहलों में हल्की बूंदाबांदी की संभावना बनी हुई है. आज अधिकतम तापमान 35℃ तक रहने का अनुमान है, जबकि न्यूनतम तापमान आसपास 24℃ होगा. पिछले कुछ दिनों में रातें थोड़ी नम और खुशनुमा हुईं, लेकिन दिन में उमस बनी कि, तो शहरवासियों को पसीना भी महसूस होगा. दोपहर बाद बादल छाए रहेंगे, जिससे कहीं-कहीं बारिश की तासीर दिखाई दे सकती है.
उत्तर प्रदेश में बारिश फिर से दस्तक देगी
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ और आसपास के इलाकों में सीमा रेखा बनी रहती है. 19 जुलाई को प्रदेश के पूर्वी-पश्चिमी भागों में कुछ हिस्सों में हल्की बारिश हो सकती है. लेकिन यह दौर नगण्य रहेगा, कोई उग्र बारिश की आशंका फिलहाल नहीं है. मगर समय है सतर्क रहने का,20 से 22 जुलाई के बीच भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है. ऐसे में जलभराव और ट्रैफिक बाधा का खतरा है, खास कर कानपुर, गाजियाबाद, आगरा जैसे शहरों में. किसानों को भी खेतों में पानी बचाने का प्लान पहले से तैयार रखना चाहिए.
राजस्थान में जमकर बरशात, रोशन हुई फसलों की राह
राजस्थान के लोग मॉनसून की पूरी सौगात पा रहे हैं. मौसम विभाग ने 18 से 20 जुलाई के बीच येलो से ऑरेंज अलर्ट जारी किया है. यह अलर्ट जयपुर, उदयपुर, जैसलमेर जैसे क्षेत्रों में है, जहां बारिश का जोर नजर आ रहा है. यह वक्त किसानों के लिए वरदान साबित हो सकता है मिट्टी में नमी बनी रहेगी और फसल को फायदा मिलेगा. दूसरी ओर, शहरी इलाकों में जलभराव और ट्रैफिक की चुनौती बढ़ सकती है.
दक्षिण भारत के केरल, कर्नाटक और तमिलनाडु में भीषण बरसात
मॉनसून की भीषण गतिविधि अब दक्षिण भारत तक पहुंच गई है. केरल, कर्नाटक और तमिलनाडु में अगले एक सप्ताह तक भारी से अत्यंत भारी बारिश का सिलसिला जारी रहेगा. इससे तापमान में गिरावट और नमी में वृद्धि हुई है, जो फिटनेस, स्वास्थ्य, और ट्रैवलिंग के लिहाज से सभी के लिए जरुरी जानकारियों में शामिल है. पर्यटकों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है क्योंकि छिटपुट भूस्खलन और सड़क रुकावट की घटनाएं हो सकती हैं.
बिहार में हल्की बारिश से मिली राहत, उमस बना रहेगी
बिहार के सीमांतीय जिला जैसे गया, सीतामढ़ी, जमुई आदि में 19–24 जुलाई के बीच जगह-जगह हल्की बारिश का अनुमान है. भारी मॉनसून दरबार यहां देखने को नहीं मिलेगा, लेकिन उमस बना रहेगा. तापमान 34–38℃ के बीच और न्यूनतम 28–30℃ के आसपास रहेगा.
हिमाचल और उत्तराखंड में ऑरेंज अलर्ट जारी
पहाड़ी राज्यों में मौसम और भी गंभीर हो चुका है. हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में अगले कुछ दिनों तक भारी बारिश की संभावना जताई गई है. मंडी जिले में 250 सड़कें बंद, 81 ट्रांसफॉर्मर और 61 जल योजनाएं प्रभावित हो चुकी हैं. विशेष रूप से 21–23 जुलाई के बीच ‘ऑरेंज अलर्ट’ जारी है यानी अत्यंत भारी बारिश का खतरा बना हुआ है. किन्नौर-कलाश यात्रा समेत कई पर्वतीय मार्ग बंद भी हैं.
उत्तराखंड के देहरादून और आसपास के इलाकों में बारिश और धूप की आंख-मिचौली जारी है. बागेश्वर जिले में तेज बारिश का सिलसिला होने की चेतावनी मिली है. रविवार और सोमवार के लिए यहां ‘रेड अलर्ट’ भी दिया गया है. इन पहाड़ी इलाकों में लगातार बारिश के चलते भूस्खलन, सड़क कटाव, और पुलों की जोड़ियां खतरे में हैं. इसलिए यह जगहों पर यात्रा से पहले मौसम की समीक्षा करना आवश्यक है.
जम्मू-कश्मीर में आठ जिलों में ‘ऑरेंज’ अलर्ट
जम्मू-कश्मीर के आठ जिलों जम्मू, कठुआ, सांबा, डोडा, रामबन, रियासी, राजोरी और उधमपुर के लिए आगामी 48 घंटों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है. अनुमान है कि इन जिलों में 115 से 215 मिलीमीटर तक बारिश हो सकती है. अलर्ट का स्तर ‘ऑरेंज’ रहा है, जिसका मतलब है विशेष सतर्कता बरतनी है. इनमें भूस्खलन और बादल फटने की कटु चेतावनी कही गई है. इलाके के यात्रियों से आग्रह है कि पहाड़ी क्षेत्र की यात्रा को टालें जब तक मौसम सुधर नहीं जाता.
सामूहिक सलाह और सतर्कता
मॉनसून के इन दिनों में जहां बारिश से राहत मिलती है, वहीं ये अचानक बाधाओं और खतरों का कारण भी बन सकते हैं:
- तेज हवा और बिजली की गिरने की घटनाओं से बचने के लिए पेड़ों, बिजली पोल, और तेल रहित संरचनाओं से दूरी बनाए रखें.
- पहाड़ी इलाकों में भूस्खलन की संभावना बनी रहती है उत्तराखंड, हिमाचल और जम्मू-कश्मीर में यात्रा से पहले मौसम अपडेट जरूर देखें.
- शहरी इलाकों में जलभराव, खासकर गली-मोहल्लों में नियमित साफ-सफाई और जल निकासी बनाए रखें.
- किसान अपना फसलों का समय, सिचाई योजना और मिट्टी की रक्षा मौसम की दिशा में तय करें.