बागवानी फसलों में इस्तेमाल होगी इजराइल तकनीक, खेती के विकास पर रहेगा फोकस

भारत और इजराइल ने खेती में सहयोग बढ़ाने के लिए समझौता किया, जिसमें बीज सुधार, तकनीक, और खाद्य सुरक्षा पर मिलकर काम होगा.

धीरज पांडेय
नोएडा | Updated On: 10 Apr, 2025 | 04:23 PM

नई दिल्ली. मंगलवार की गर्म दोपहर में जब मंत्रालय की दीवारों के भीतर बड़ी बैठक चल रही थी, तब बाहर का मौसम कुछ और ही इशारा कर रहा था, दुनिया के सबसे पुराने पेशे, यानी खेती, को अब तकनीक और साझेदारी की नई लाठी थामनी होगी.

मंच पर थे भारत के केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान और इजराइल के कृषि एवं खाद्य सुरक्षा मंत्री अवि दिख्तर. बैठक सिर्फ हाथ मिलाने की औपचारिकता नहीं थी, यहां ‘बीज सुधार’, ‘खाद्य सुरक्षा’ और ‘कीट प्रबंधन’ जैसे भारी भरकम शब्दों के पीछे किसानों की किस्मत बदलने की मंशा दिख रही थी. इस बैठक में कागज चले, मुस्कुराहटें हुईं और फिर हुआ एक समझौता. कृषि क्षेत्र में सहयोग को और मजबूत करने के लिए एक साझा कार्ययोजना पर दस्तखत हुए.

43 सेंटर ऑफ एक्सीलेंस (COE), 35 पूरी तरह सक्रिय, अब गांवों से जुड़ेंगे

भारत में इजराइल के सहयोग से बने 43 सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में से 35 अभी पूरी तरह सक्रिय हैं. अब सरकार की योजना है कि हर सेंटर से 30 गांवों को जोड़ा जाए. इसे नाम दिया गया है “Excellence Villages”, यानि तकनीक सिर्फ सेंटर तक नहीं, गांव-गांव तक पहुंचे. शिवराज सिंह ने बैठक में साफ शब्दों में कहा, “हम वसुधैव कुटुम्बकम के दर्शन पर चलते हैं, लेकिन खेती में अकेले नहीं, साथ चलेंगे.” यहां बात सिर्फ पानी या बीज की नहीं थी.  दोनों देशों ने इस बैठक में बागवानी क्षेत्र की कार्ययोजना साझा की. साथ ही तय किया कि मृदा प्रबंधन, सीओई यानी उत्कृष्टता केंद्रों का विस्तार और फसल-पश्चात तकनीकों पर संयुक्त काम होगा. बीज सुधार से लेकर फसल के बाद तक साथ काम करने की बात.

बीज सुधार से लेकर फसल के बाद तक साथ काम करने की बात

इस बैठक में यह भी तय हुआ कि दोनों देश साथ मिलकर गुणवत्ता वाले बीजों का विकास, खाद्य सुरक्षा, प्रौद्योगिकी हस्तांतरण, फसल के बाद की तकनीक, संशोधित कीट प्रबंधन, और कृषि मशीनरी जैसे अहम मुद्दों पर मिलकर काम करेंगे. इसके अलावा पंचवर्षीय बीज सुधार योजना (FYSIP) को लेकर भी चर्चा हुई, जिससे खेती की पैदावार और टिकाऊपन दोनों बढ़े.

मिलकर करेंगे नवाचार,अवि दिख्तर

इजराइल के कृषि मंत्री अवि दिख्तर ने जलवायु संकट का जिक्र करते हुए कहा “खेती अब परंपरा से नहीं, नवाचार से बचेगी.” उन्होंने भारतीय वैज्ञानिकों के साथ मिलकर हाई-यील्ड बीज और आधुनिक खेती तकनीकों पर काम करने की इच्छा जताई.

साझा रोडमैप और इजराइल को न्योता

दोनों देशों ने तय किया कि अब हर साल की समीक्षा होगी. एक संयुक्त कार्यसमूह बनेगा, जो तय करेगा कि किस दिशा में, कितनी तेजी से बढ़ना है. लक्ष्य सिर्फ कागजों पर नहीं, खेत में दिखने चाहिए. शिवराज सिंह चौहान ने इस बैठक को सिर्फ एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि एक नई शुरुआत बताया. वहीं इजराइली मंत्री ने इसे एक भावनात्मक यात्रा कहा. दोनों देशों ने मान लिया है खेती अब सीमाओं से नहीं, साझेदारी से आगे बढ़ेगी. इस मौके पर भारत ने वर्ल्ड फूड इंडिया 2025 में शामिल होने के लिए इजराइल को निमंत्रण भी दिया है.

 

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Published: 9 Apr, 2025 | 06:14 PM

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