इस साल मॉनसून बेहतर रहने की उम्मीद है. इससे खरीफ से लेकर रबी फसल की पैदावार भी अच्छी होगी. यही वजह है कि केंद्र सरकार ने 2025-26 की फसल वर्ष के लिए 3546.4 लाख टन खाद्यान्न उत्पादन का टारगेट रखा है. एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा कि इस बार मॉनसून बेहतर रहने का अनुमान है. इसलिए उत्पादन टारगेट बढ़ाया गया है. वर्तमान 2024-25 फसल वर्ष के लिए सरकार ने 3415.5 लाख टन खाद्यान्न उत्पादन का लक्ष्य तय किया था. खास बात ये है कि खाद्यान्न में धान, गेहूं, मोटे अनाज और दालें शामिल हैं.
यानी इस साल गेहूं और मोटे अनाज के साथ-साथ दलहन के प्रोडक्शन भी बढ़ने की उम्मीद है. अगर ऐसा होता है कि मसूर, अरहल और मूंग सहित कई तरह की दालों की कीमतों में गिरावट भी आ सकती है. इससे आम जनता को महंगाई से राहत मिलेगी. क्योंकि दालें की कीमतें पिछले 2 साल से हाई पर बनी हुई हैं. हालांकि, केंद्र सरकार कीमतों को नियंत्रि करने के लिए लगातार कोशिश कर रही है. इसके लिए विदेशों से भारी मात्रा में पीली दाल का आयात किया गया है.
रबी सीजन के दौरान 3309.2 लाख टन खाद्यान्न का उत्पादन
वहीं, अधिकारी ने कहा कि अब तक 2024-25 के खरीफ और रबी सीजन के दौरान देश में 3309.2 लाख टन खाद्यान्न का उत्पादन हो चुका है. हालांकि, गर्मी (जायद) सीजन की फसल के आंकड़े अभी जारी नहीं किए गए हैं. 2023-24 में जायद सीजन, जो फरवरी से जून के बीच बोया जाता है (रबी की कटाई और खरीफ की बुवाई के बीच), में खाद्यान्न उत्पादन 165 लाख टन रहा था. सरकार ने 2025-26 फसल वर्ष के लिए चावल (धान) उत्पादन का लक्ष्य 1473.5 लाख टन रखा है. धान देश में तीनों सीजन-खरीफ, रबी और जायद में उगाया जाता है.
गेहूं उत्पादन का अनुमान 1154.3 लाख टन
2024-25 के खरीफ और रबी सीजन में अब तक 1364.4 लाख टन धान का उत्पादन हुआ है. गर्मी (जायद) सीजन के आंकड़े आने के बाद यह संख्या और बढ़ेगी. गेहूं, जो केवल रबी (सर्दी) सीजन में बोया जाता है, उसका उत्पादन लक्ष्य अगले फसल वर्ष 2025-26 के लिए 1174 लाख टन तय किया गया है. जबकि चालू 2024-25 फसल वर्ष में गेहूं उत्पादन का अनुमान 1154.3 लाख टन है.