भारत से चाय का निर्यात जनवरी से दिसंबर 2024 के बीच 9.92 फीसदी बढ़कर 2546.7 लाख किलोग्राम हो गया, जबकि पिछले साल यह आंकड़ा 2316.9 लाख किलोग्राम था. टी बोर्ड द्वारा जारी ताजा आंकड़ों के मुताबिक, 2024 में उत्तर भारत के चाय बागानों में कुल उत्पादन 1548.1 लाख किलोग्राम रहा, जो 2023 में इसी अवधि के 1410 लाख किलोग्राम से 9.79 फीसदी ज्यादा है.
बिजनेसलाइन की रिपोर्ट के मुताबिक, दक्षिण भारत में भी चाय उत्पादन जनवरी से दिसंबर 2024 के बीच 998.6 लाख किलोग्राम रहा, जो 2023 में 906.9 लाख किलोग्राम था. यह सालाना आधार पर 10.11 फीसदी की बढ़ोतरी दर्शाता है. टी बोर्ड ने जनवरी से मार्च 2025 की अस्थायी रिपोर्ट भी जारी की है, जिसमें इस अवधि में देशभर में कुल चाय उत्पादन 692.2 लाख किलोग्राम रहा, जो पिछले साल की समान अवधि में 675.3 लाख किलोग्राम था. इसमें मामूली बढ़ोतरी देखी गई है.
उत्तर भारत में चाय का उत्पादन
जनवरी से मार्च 2025 के बीच उत्तर भारत में चाय उत्पादन 14.38 फीसदी बढ़कर 453.5 लाख किलोग्राम हो गया, जबकि पिछले साल इसी अवधि में यह 396.5 लाख किलोग्राम था. वहीं, दक्षिण भारत में इसी अवधि के दौरान उत्पादन में 14.38 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई. यहां चाय उत्पादन घटकर 238.7 लाख किलोग्राम रह गया, जबकि 2024 की इसी तिमाही में यह 278.8 लाख किलोग्राम था.
नीलामी में चाय की आवक भी कम रही
वहीं, कूनूर नीलामी में चाय की कीमतें कम हो गई हैं क्योंकि निर्यात मांग कमजोर बनी हुई है और नीलामी में चाय की आवक भी कम रही है. व्यापारियों ने का कहना है कि उत्पादन केंद्रों में मौसम के अनिश्चित रहने की वजह से नीलामी में चाय की मात्रा कम थी. ग्लोबल टी ऑक्शनियर्स के अनुसार, पत्ती वाले चाय का कुल 17,91,740 किलो आया, जिसमें 80 फीसदी की बिक्री हुई.
61 फीसदी हुई चाय की बिक्री
धूल (डस्ट) की मात्रा 5,63,305 किलो थी, जिसमें 61 फीसदी बिक्री हुई. CTC पत्ती वाली चाय में महंगी और अच्छी क्वालिटी की चाय के दाम 5-6 रुपये तक कम हो गए, जबकि कुछ गुणवत्ता वाली चाय कभी-कभी 2-3 रुपये ज्यादा भी बिकी. मध्यम क्वालिटी वाली चाय के दाम स्थिर रहे या कभी-कभी 1-2 रुपये तक कम हुए. सामान्य और मोटी पत्ती वाली चाय, जिसे ठीक-ठाक मांग मिली, के दाम भी लगभग स्थिर या कभी-कभी 1-2 रुपये तक कम हुए.