आम लोगों को महंगाई से थोड़ी राहत देने और घरेलू तेल उद्योग को ताकत देने के लिए केंद्र सरकार ने एक अहम फैसला लिया है. सरकार ने सूरजमुखी, सोयाबीन और पाम जैसे कच्चे खाद्य तेलों पर लगने वाली बेसिक कस्टम ड्यूटी को 20 फीसदी से घटाकर 10 फीसदी कर दिया है. इस फैसले से रसोई का बजट कुछ हल्का होने की उम्मीद की जा रही है. चलिए जानते हैं सरकार के इस फैसले से क्या फायदा होगा.
अब खाने का तेल हो सकता है सस्ता
खाने के तेल की कीमतों में पिछले कुछ समय से लगातार बढ़ोतरी देखी जा रही थी. अंतरराष्ट्रीय बाजार में दाम बढ़ने और बीते साल भारत सरकार द्वारा ड्यूटी में की गई बढ़ोतरी ने स्थिति और बिगाड़ दी थी. इसी को ध्यान में रखते हुए अब सरकार ने एक बार फिर ड्यूटी घटाई है, जिससे आम जनता को कुछ राहत मिलने की संभावना है.
घरेलू रिफाइनिंग को मिलेगा बढ़ावा
सरकार का यह फैसला सिर्फ उपभोक्ताओं को फायदा पहुंचाने के लिए नहीं है, बल्कि इसके पीछे एक और बड़ा मकसद है देश की घरेलू रिफाइनिंग इकाइयों को मजबूत करना. जब कच्चे तेल पर टैक्स कम और रिफाइंड तेल पर ज्यादा होगा, तो कंपनियां कच्चा तेल मंगवाकर भारत में ही रिफाइन करेंगी. इससे रोजगार के मौके भी बनेंगे और घरेलू उद्योग को ताकत मिलेगी.
उद्योग से की गई साफ अपील
सरकार ने तेल उत्पादकों और व्यापारियों से साफ तौर पर कहा है कि ड्यूटी में की गई कटौती का पूरा फायदा ग्राहकों तक पहुंचना चाहिए. सभी कंपनियों को सलाह दी गई है कि वे तुरंत अपने प्रोडक्ट्स की थोक कीमत (PTD) और खुदरा मूल्य (MRP) में बदलाव करें और इस बदलाव की जानकारी सरकार को भी दें.
किसानों को भी मिलेगा फायदा
इस फैसले का असर केवल उपभोक्ताओं तक सीमित नहीं है. सरकार का मानना है कि इससे किसानों को भी लाभ होगा. जब देश में तेल रिफाइनिंग बढ़ेगी, तो कच्चे माल की मांग भी बढ़ेगी. इससे किसानों को अपनी उपज के बेहतर दाम मिल सकेंगे, खासकर जो तिलहन की खेती करते हैं.
महंगाई पर लगेगा ब्रेक
सरकार को उम्मीद है कि इस कदम से बाजार में खाने के तेल की कीमतों में तेजी से गिरावट आएगी. तेल जैसे जरूरी सामान की कीमतें गिरेंगी तो इसका असर पूरे महंगाई के स्तर पर दिखाई देगा. उपभोक्ताओं को थोड़ी राहत मिलेगी और रसोई का बजट भी थोड़ा सुधरेगा.
सरकार का इरादा
सरकार का इरादा साफ है महंगाई पर काबू पाना, घरेलू उद्योग को ताकत देना और किसानों को उचित मूल्य दिलाना. हालांकि अब गेंद उद्योग और बाजार के पाले में है. देखना होगा कि यह राहत कितनी जल्दी और कितनी ईमानदारी से आम जनता तक पहुंचती है.