मध्य प्रदेश में सालों से खेती कर रहे आदिवासी किसानों को वन विभाग की जमीन बताकर हटाने के मामले को केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गंभीरता से लिया है. उन्होंने कहा कि फॉरेस्ट जमीन पर खेती कर रहे गरीबों को बेदखल नहीं किया जाएगा. वन विभाग की ओर से भेजी गई नोटिसों की जांच की जाएगी. उन्होंने कहा कि आदिवासी समुदाय और जंगल एक-दूसरे से अलग नहीं किए जा सकते. गरीब, आदिवासियों के साथ अन्याय नहीं होने देंगे. हर गरीब को पक्का मकान देना हमारा लक्ष्य है. उन्होंने कहा कि नकली खाद-बीज के खिलाफ कड़ा कानून लाकर सख्त कार्रवाई की जाएगी.
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण व ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान शनिवार को अपने संसदीय क्षेत्र की सिलवानी विधानसभा पहुंचे. शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में अक्सर बहनों और बेटियों का जीवन घरेलू कामकाज और खेत-खलिहान तक सीमित रह जाता है, ऐसे में खेल उनके जीवन में नई ऊर्जा और प्रसन्नता ला सकते हैं. इसी सोच के तहत पूरे संसदीय क्षेत्र में महिलाओं और बच्चियों को शामिल करते हुए खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जा रहा है.
आदिवासी समुदाय और जंगल एक-दूसरे से अलग नहीं
केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भगवान बिरसा मुंडा जयंती पर कहा कि आदिवासी समुदाय और जंगल एक-दूसरे से अलग नहीं किए जा सकते, लेकिन अंग्रेजों के शासनकाल में आदिवासियों को उनके ही प्राकृतिक अधिकारों से बेदखल किया गया. उस समय शोषण, जमीनों पर कब्जे और अमानवीय अत्याचारों का दौर था. ऐसे समय में बिरसा मुंडा का उदय हुआ, जिन्होंने अन्याय और जबरन धर्मांतरण के खिलाफ आवाज बुलंद की. अंग्रेज बिरसा के नाम से कांपते थे और उन्होंने आदिवासी समाज का शोषण करने वालों को खदेड़कर उनके आत्मसम्मान की रक्षा की.
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फॉरेस्ट जमीन से बेदखल नहीं होंगे आदिवासी, जांच के निर्देश
शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि फॉरेस्ट जमीन पर वर्षों से खेती कर रहे गरीब परिवारों को किसी भी स्थिति में बेदखल नहीं किया जाएगा. उन्होंने कहा कि गांवों में ग्रामीणों को नोटिस दिए गए हैं, जिनमें कहा गया है कि वो जिन जमीनों पर लंबे समय से खेती कर रहे हैं, वहां से कब्जा हटाएं, अन्यथा कार्रवाई की जाएगी. शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार गरीबों, आदिवासियों और किसानों के हितों की रक्षक है और किसी भी निर्दोष परिवार के साथ अन्याय नहीं होने दिया जाएगा. ऐसे में किसी गरीब की जमीन छीनी नहीं जाएगी. जिस जमीन पर वो वर्षों से खेती कर रहे हैं, उस कब्जे को हटाने का सवाल ही नहीं उठता. शिवराज सिंह ने कहा कि कुछ अधिकारी बिना विवेक के नोटिस जारी कर रहे हैं और गरीब परिवारों पर अनावश्यक दबाव डाल रहे हैं. ऐसे मामलों की जांच की जाएगी और गलत तरीके से दिए गए नोटिस रद्द कराए जाएंगे.
बहनों की जिंदगी बदलना हमारा संकल्प
शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि गरीब बहनों की आंखों में आंसू नहीं, बल्कि चेहरे पर मुस्कान होनी चाहिए और इसी संकल्प के साथ महिलाओं के लिए योजनाओं को और मजबूत किया जा रहा है. देशभर में लाडली बहना योजना को विभिन्न रूपों में लागू किया गया है. उन्होंने कहा कि, बिना रुपये के कुछ नहीं होता, जीवनयापन के लिए पैसा जरूरी है, और आधी आबादी को न्याय दिलाना हमारी जिम्मेदारी है. उन्होंने कहा कि स्वयं सहायता समूह से जुड़ी हर महिला को लखपति बनाना सरकार का लक्ष्य है. सेल्फ-हेल्प ग्रुप की महिलाओं को 50 लाख रुपये तक की बैंक लिंकेज उपलब्ध कराई जाएगी और इसके लिए चेक भी प्रदान किए जा रहे हैं.
मिट्टी की वैज्ञानिक जांच होगी ताकि सही उपज हासिल हो सके
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि किसानों की जिंदगी बदलना हमारी प्राथमिकता है. खेती को बेहतर बनाने के लिए चना, गेहूं और मसूर के उच्च गुणवत्ता वाले बीजों की व्यवस्था की गई है और किसानों को किट भी उपलब्ध कराए जाएंगे. उन्होंने कहा कि, कृषि विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि क्षेत्र की मिट्टी की पूरी वैज्ञानिक जांच कराई जाए, ताकि यह तय किया जा सके कि कौन सी फसल यहां सबसे उपयुक्त होगी. उन्होंने कहा कि पाइप लगाने और उनकी मरम्मत से जुड़े मामलों की कड़ी निगरानी की जाएगी, ताकि किसानों को सुचारू सिंचाई सुविधा मिल सके.
नकली खाद, बीज बनाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई
कृषि मंत्री शिवराज सिंह ने कहा कि क्षेत्र की खेती को बढ़ावा देने के लिए विशेष परियोजना तैयार की जाएगी और मेरी टीम स्वयं मौके पर पहुंचेगी. किसानों ने शिकायत की है कि एक कंपनी- बायर द्वारा दिया गया बीज अंकुरित ही नहीं हुआ, जिससे धान की फसल पूरी तरह प्रभावित हुई. मामले की जांच दिल्ली से वैज्ञानिकों की टीम कराएगी और दोषी कंपनी पर सख्त कार्रवाई की जाएगी. साथ ही प्रभावित किसानों को मुआवजा भी दिलाया जाएगा. उन्होंने कहा कि नकली खाद, नकली बीज और पेस्टिसाइड का कारोबार किसी भी कीमत पर नहीं चलने दिया जाएगा. संसद के आगामी ग्रीष्मकालीन सत्र में ऐसे मामलों के खिलाफ कड़ा कानून लाया जाएगा, ताकि किसानों के साथ धोखाधड़ी करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो सके.