बिहार के उपमुख्यमंत्री और कृषि मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि राज्य में खेती को आधुनिक और लाभकारी बनाने के लिए कई नई पहलें शुरू की गई हैं. हर जिले में गुणवत्तापूर्ण बीज उपलब्ध कराने के लिए ‘सीड हब’ बनाए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि किसानों को सिर्फ उत्पादक नहीं, बल्कि प्रोसेसिंग और निर्यात से भी जोड़ा जा रहा है, ताकि वे अधिक मुनाफा कमा सकें. उन्होंने कहा कि सरकार फसल विविधीकरण पर जोर दे रही है, जिसमें मक्का, सब्जी, फल और औषधीय फसलों की खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है.
उनके मुताबिक खेतों में ड्रोन, सैटेलाइट और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) जैसी तकनीक के इस्तेमाल से ‘डिजिटल कृषि मिशन’ को आगे बढ़ाया जा रहा है. साथ ही, जलवायु अनुकूल खेती, मोटे अनाज (मिलेट्स) और प्रोटीन युक्त अनाजों की खेती को भी बढ़ावा दिया जा रहा है. विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि अब बिहार का किसान आत्मविश्वास से कहता है कि ‘हम खेत में हैं, तो देश पीछे नहीं रह सकता.’ उन्होंने कहा कि अब वक्त आ गया है कि अन्नदाता को कृषि उद्यमी बनाया जाए. इससे किसानों की कमाई में बढ़ोतरी होगी.
यूपी-बिहार मिलकर करे काम
उपमुख्यमंत्री और कृषि मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि अगर उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे राज्य मिलकर खेती के क्षेत्र में काम करें, तो पूरा उत्तर भारत खाद्य और आर्थिक रूप से समृद्ध बन सकता है. हमारी मिट्टी में खूब ताकत है. बस जरूरत है सही ज्ञान, नई तकनीक और अच्छी नीतियों की. मुझे भरोसा है कि आज जो पहल की जा रही है, वह आने वाले समय में मजबूत किसान, खुशहाल गांव और एक विकसित भारत की नींव बनेगी.
विकसित भारत की नींव मजबूत होगी
दरअसल, विजय कुमार सिन्हा ने आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय के एग्री बिजनेस मैनेजमेंट सभागार में ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ को संबोधित करते हुए ये बातें कहीं. उन्होंने कहा कि किसानों को सिर्फ सहानुभूति नहीं, बल्कि ठोस रणनीति की जरूरत है और खेती को केवल समर्थन नहीं, बल्कि सही ढांचा, विज्ञान और सम्मान मिलना चाहिए. इसी सोच के साथ हमें मिलकर काम करना होगा, तभी विकसित भारत की नींव मजबूत होगी.
किसानों को किया गया सम्मानित
इस कार्यक्रम में आठ जिलों के किसानों ने हिस्सा लिया. कृषि में बेहतरीन काम करने वाले चार प्रगतिशील किसान मंशाराम, राजबहादुर वर्मा, सुरेंद्र सिंह और रमाशंकर को उपमुख्यमंत्री ने सम्मानित किया. इस अवसर पर विश्वविद्यालय के सभी अधिष्ठाता, निदेशक, वैज्ञानिक, किसान, अयोध्या के कृषि अधिकारी और कई छात्र-छात्राएं भी मौजूद रहे.