कीवी की खेती को बढ़ावा देने के लिए कीवी मिशन को लॉन्च कर दिया गया है. कीवी मिशन के जरिए अन्य बागवानी फसलों का रकबा भी बढ़ाने की तैयारी की गई है. वहीं, कीवी की पहली फसल से 4 लाख रुपये कमाने वाले किसान को राज्य सरकार की ओर से सम्मानित किया गया है. जबकि, सेब समेत अन्य बागवानी फसलों से 12 लाख रुपये की सालाना कमाई करने वाले किसानों को भी सम्मानित किया गया है.
अरुणाचल प्रदेश सरकार ने राज्य में कीवी की खेती को और बढ़ावा देने के इरादे से कीवी मिशन को लॉन्च कर दिया है. राज्य के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने कीवी मिशन 2025-2035 का शुभारंभ किया. उन्होंने कहा कि यह एक दशक लंबा कार्यक्रम है जिसका उद्देश्य राज्य को कीवी की खेती का केंद्र बनाना है, ठीक उसी तरह जैसे असम चाय की खेती से जुड़ा है.
ऑर्गनिक प्रोडक्ट में वैश्विक नाम बनाना उद्देश्य
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस पहल को कृषि क्रांति बताया जो भारत के कृषि मानचित्र में अरुणाचल प्रदेश की भूमिका को नए सिरे से परिभाषित करेगी. उन्होंने कहा कि इस मिशन का उद्देश्य किसानों को सशक्त बनाना, टिकाऊ कृषि पद्धतियों को अपनाना और अरुणाचल प्रदेश को हाई क्वालिटी वाले जैविक उत्पादों के वैश्विक मानचित्र पर लाना है. उन्होंने कहा कि अरुणाचल प्रदेश कीवी की खेती में तेजी से आगे बढ़ रहा है ठीक उसी तरह जैसे चाय असम के लिए लिए है.
13 जिलों में आदर्श कीवी बागान बनाने को मंजूरी
कीवी मिशन के तहत राज्य के 13 जिलों में आदर्श कीवी बाग स्थापित करने को मंजूरी दी गई है. राज्य सरकार वैज्ञानिक पद्धतियों, किसान प्रशिक्षण और मजबूत सिस्टम बनाएगी ताकि किसानों को लाभ दिलाया जा सके. राज्य की जलवायु कीवी समेत अन्य बागवानी फसलों के सही है. वहीं, सेब समेत अन्य व्यावसायिक फलों की खेती को भी बढ़ावा दिया जाएगा.
बुवाई से निर्यात और प्रबंधन की सुविधा मिलेगी
अधिकारियों ने कहा कि कीवी मिशन के जरिए जैविक प्रमाणीकरण, कटाई के बाद के प्रबंधन और निर्यात पर भी ध्यान केंद्रित किया जाएगा. इसका उद्देश्य अरुणाचल प्रदेश के कीवी को विश्व स्तर पर मान्यता प्राप्त ब्रांड के रूप में स्थापित करना है. विदेशी फलों की बढ़ती घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय मांग के साथ सरकार का मानना है कि कीवी राज्य की प्रमुख उपज बन सकती है, जिससे किसानों की आय बढ़ेगी और कृषि क्षेत्र में अरुणाचल प्रदेश की स्थिति मजबूत होगी.
लाखों की कमाई करने वाले किसानों को मिला सम्मान
राज्य के पश्चिम कार्नेंग के किसान नेतन दोरजी थुंगन ने अपने सेब के बाग को 300 पेड़ों से बढ़ाकर 1200 पौधे कर दिया है. वह सालाना 20 मीट्रिक टन सेब का उत्पादन कर रहे हैं और सरकारी योजनाओं के सहयोग से 12 लाख रुपये कमा रहे हैं. उन्हें सम्मानित किया गया. वहीं, पापुम पारे इलाके के किसान नानी शा ने 5.5 हेक्टेयर में 2800 एवोकाडो और कीवी के पौधे लगाकर खेती की. उन्होंने हास और एटिंगर जैसी प्रीमियम किस्मों से अपनी पहली फसल से 4 लाख रुपये कमाए. इसके लिए उन्हें सम्मानित किया गया.