पिछले 18 महीनों में तेलंगाना की रेवंत रेड्डी सरकार ने किसानों की भलाई के लिए कुल 1,04,940 करोड़ रुपये खर्च किए हैं, जो अब तक किसी भी राज्य सरकार द्वारा इतने कम समय में किया गया सबसे बड़ा खर्च माना जा रहा है. सरकारी सूत्रों के मुताबिक, यह राशि सीधे तौर पर किसानों और उनके परिवारों के उत्थान के लिए लगाई गई है. सरकार के पहले साल में ही किसानों के 2 लाख रुपये तक के कर्ज माफ कर दिए गए, जिससे लगभग 25 लाख किसान लाभान्वित हुए. इससे पहले की बीआरएस सरकार कर्जमाफी को 4-5 किश्तों में करती थी.
द न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, कांग्रेस सरकार ने अपने पहले साल में 20,616 करोड़ की कर्जमाफी एक बार में करके नया रिकॉर्ड बनाया. इसके अलावा, रैतु भरोसा योजना के तहत भी 18 महीनों में 12,682 करोड़ रुपये सीधे किसानों के खातों में ट्रांसफर किए गए. इस मॉनसून सीजन में भी सरकार ने इनपुट सहायता में रिकॉर्ड बनाया. सिर्फ 5 दिनों (16 जून से शुरू होकर) में 7,310.59 करोड़ रुपये किसानों के खातों में जमा किए गए. अब तक 65.12 लाख किसान रैतु भरोसा योजना का लाभ पा चुके हैं.
9,000 करोड़ रुपये बांटे गए
मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी ने अधिकारियों को रैतु भरोसा योजना के तहत 9,000 करोड़ रुपये की राशि 9 दिनों के भीतर किसानों को बांटने का निर्देश दिया था. सरकारी सूत्रों के अनुसार, राज्य सरकार ने 29 लाख पंप सेट्स के लिए 16,691 करोड़ रुपये की बिजली सब्सिडी दी है. साथ ही, सरकार ने किसानों से 29,562 करोड़ की धान की खरीद की और 21.59 लाख किसानों को 48 घंटों के भीतर भुगतान कर दिया.
95.31 लाख मीट्रिक टन धान खरीदा
वित्त वर्ष 2023-24 में सरकार ने 15 लाख किसानों से 95.31 लाख मीट्रिक टन धान खरीदा, जिसके लिए 20,964 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया. राज्य ने इस साल 2.8 करोड़ टन धान का रिकॉर्ड उत्पादन किया और देश में पहला स्थान हासिल किया. रबी (यासंगी) सीजन में 80.56 लाख टन मोटे और 46.96 लाख टन महीन धान का उत्पादन हुआ. हाल की बेमौसम बारिश और बाढ़ से नुकसान झेलने वाले किसानों को सरकार ने प्रति एकड़ 10,000 रुपये की राहत राशि दी, जिसका कुल आंकड़ा 260 करोड़ रुपये रहा.
40,265 किसानों को मिली 282 करोड़ रुपये की कृषि मशीन
पिछले कुछ वर्षों से केंद्र प्रायोजित कई कृषि योजनाएं राज्य सरकार द्वारा सह-आवंटन न देने के कारण बंद थीं. अब सरकार ने करीब 16 योजनाओं को दोबारा शुरू किया है और इसके लिए 245 करोड़ रुपये खर्च किए हैं. दिसंबर 2023 से अब तक, 40,265 किसानों को 282 करोड़ रुपये की कृषि मशीनरी और उपकरण सरकार की ओर से वितरित किए जा चुके हैं.