Pashu Aadhaar Scheme : देश में डेयरी सेक्टर लगातार बदल रहा है और अब सरकार इसे तकनीक से जोड़कर और मजबूत बनाना चाहती है. इसी आधुनिक व्यवस्था का हिस्सा है पशु आधार, जो किसानों के लिए बहुत बड़ा सहारा साबित होने वाला है. जैसे इंसानों के लिए आधार कार्ड होता है, वैसे ही अब हर पशुओं की भी अपनी पहचान होगी. इस पहचान के जरिए सरकार से लेकर किसान तक सभी को फायदा होगा. यह कदम न सिर्फ डेयरी उद्योग को बढ़ाएगा, बल्कि पशुओं की देखभाल को भी आसान बना देगा.
पशु आधार क्या है?
पशु आधार एक यूनिक पहचान संख्या है, जिसमें हर पशु को 12 अंकों का एक विशेष नंबर दिया जाएगा. यह नंबर पशु के कान में लगाए जाने वाले टैग के रूप में होगा. इस टैग में ऐसे बारकोड होंगे, जिनसे पशु की हर जानकारी डिजिटल रूप से दर्ज रहेगी. इस पूरी प्रणाली को INAPH-Information Network for Animal Productivity and Health कहा जाता है और इसे राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (NDDB) तैयार कर रहा है. इसमें हर पशु की नस्ल , उम्र, जन्म रिकॉर्ड, दूध उत्पादन और टीकाकरण का पूरा इतिहास दर्ज होगा. यह बिल्कुल उसी तरह है, जैसे किसी इंसान के आधार कार्ड में उसकी पूरी जानकारी दर्ज होती है.
क्यों जरूरी है पशु आधार?
पशु आधार की जरूरत इसलिए भी महसूस हुई क्योंकि अब तक देश में यह पता लगाना मुश्किल था कि किस राज्य या जिले में कितने पशु हैं और उनकी वास्तविक स्थिति क्या है. कई बार बीमारियों, तस्करी या गलत रिकॉर्ड की वजह से किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ता था. सरकार द्वारा इस सिस्टम को लाए जाने के बाद पशुओं की सही गिनती, सही पहचान और सही देखभाल संभव हो सकेगी. इससे किसानों को सरकारी योजनाओं का लाभ भी आसानी से मिलेगा और डेयरी उद्योग में पारदर्शिता बढ़ेगी. पशु के बीमार होने पर उसकी पिछली हेल्थ हिस्ट्री तुरंत पता चल जाएगी, जिससे इलाज तेजी से किया जा सकेगा.
पशु आधार के लिए आवेदन कैसे करें?
पशु आधार के लिए आवेदन करने की प्रक्रिया बेहद आसान है. किसान सबसे पहले INAPH वेबसाइट पर जाकर अपना रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं. नए खाते पर क्लिक करने के बाद मोबाइल नंबर डालना होता है, जिसके बाद एक सत्यापन कोड फोन पर आता है. इसे दर्ज करते ही रजिस्ट्रेशन पूरा हो जाता है. किसानों को रजिस्ट्रेशन का एसएमएस भी भेजा जाता है, जिसमें लॉगइन की जानकारी होती है.
इसके बाद किसान चाहे तो सीधे INAPH किसान ऐप डाउनलोड करके भी अपने पशु का पंजीकरण कर सकते हैं. रजिस्ट्रेशन के बाद किसान पोर्टल में जाकर पशु की सभी जानकारी भरते हैं, जिसके बाद उस पशु को एक यूनिक UID नंबर मिल जाता है, जो उसकी पहचान बन जाता है.
किसानों को इससे क्या लाभ होगा?
पशु आधार से किसानों को कई तरह के फायदे मिलेंगे. सबसे बड़ा फायदा यह है कि पशु से जुड़ी सभी सरकारी योजनाएँ सीधे और सही किसान तक पहुंचेंगी. पशु के टीकाकरण, गर्भाधान और इलाज की जानकारी किसान को समय पर मिलती रहेगी. इससे पशु स्वस्थ रहेंगे और दूध उत्पादन भी बढ़ेगा. चोरी या गुम होने पर भी पशु की पहचान तुरंत की जा सकेगी. डेयरी कंपनियां भी इसी डेटा के आधार पर किसानों के दूध का सही मूल्य तय कर पाएंगी.