PACS Membership: खेती में किसानों को हर तरह की सहूलियत देने के लिए और उन्हें आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के लिए और उन्हें उन्हें खेती से जुड़ी सभी सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए सरकार ने प्राथमिक कृषि साख समिति (PACS) की व्यवस्था की गई है. पैक्स (PACS) समितियां किसानों को ग्रामीण स्तर पर लोन, बीज, खाद, कीटनाशक, उपकरण और बाजार तक पहुंच जैसी सुविधाएं आसानी से उपल्बध कराती हैं. सरकार भी किसानों को पैक्स से जुड़ने के लिए प्रोत्साहित करती है और इसी कोशिश में रहती है कि देशभर के ज्यादा से ज्यादा किसानों को पैक्स की सदस्यता दिलाई जाए. अगर कोई किसान PACS का सदस्य बन जाता है तो उसे खेती से जुड़ी हर जानकारी मिलती है.
पैक्स सदस्य बनने के फायदे
पैक्स सदस्य बनने पर किसानों को कई तरह के फायदे मिलते हैं. पैक्स के सदस्य होने पर किसानों को खेती के लिए आसानी से लोन मिल जाते हैं. साथ ही खेती में इस्तेमाल होने वाले उर्वरक, बीज और कीटनाशक जैसे जरूर सामान किफायती कीमतों पर उपलब्ध होते हैं. बता दें कि, इन समितियों की मदद से किसानों को फसल बीमा और अन्य सरकारी योजनाओं का लाभ आसानी से मिल जाता है और फसलों को सुरक्षित रखने और सही दाम पर बेचने की सुविधा मिलती है. इसके अलावा पैक्स सदस्य होने का सबसे बड़ा फायदा ये होता है कि इसकी मदद से न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर फसल खरीदना आसान होता है.
किसान ऐसे कर सकते हैं आवेदन
किसानों को पैक्स सुविधाओं का लाभ मिले, इसके लिए जरूर है कि वे पैक्स सदस्यता के लिए आवेदन करें. आवेदन करने के लिए-
- किसान को अपने गांव या पंचायत की PACS समिति के पास जाकर आवेदन करना होगा
- आवेदन के बाद सभी जरूरी दस्तावेज जमा करें.
- आवेदन करते समय सदस्यता लेने के लिए किसान को एक शुल्क जमा करना होगा.
- जांज समिति आवेदन की सही जांच करने के बाद समिति की बैठक में सदस्यता को स्वीकृति देती है.
आवेदन के लिए जरूरी दस्तावेज
पैक्स की सदस्यता वही लोग हो सकते हैं जो छोटे और सीमांत किसान हैं और जिनके पास खेती के लिए जमीन है. किसानों को ध्यान रखना होगा कि आवेदन करते समय उनके पास कुछ जरूरी दस्तावेज होना चाहिए. जैसे-
- आधार कार्ड
- जमीन के कागज / खसरा-खतौनी
- बैंक खाते की डीटेल्स
- पासपोर्ट साइज फोटो
PACS यानी Primary Agricultural Credit Society सहकारी समिति का सबसे निचला स्तर है. ये समितियां सीधे तौर पर गांव और किसानों से जुड़ी होती हैं. इन समितियों का उद्देश्य छोटे और सीमांत किसानों को कर्ज और खेती के संसाधन उपलब्ध कराना है.