UP सरकार ने धान-मक्का सहित इन फसलों का बढ़ाया MSP, जानें कब से शुरू होगी मोटे अनाज की खरीद

योगी सरकार ने खरीफ 2025-26 के लिए धान व मोटे अनाज के MSP में बढ़ोतरी की है. वहीं, मिलर अगर 15 दिनों के अंदर डिपो में चावल जमा करते हैं तो उन्हें प्रति क्विंटल 35 रुपये प्रोत्साहन राशि मिलेगी.

नोएडा | Updated On: 27 Sep, 2025 | 02:12 PM

Uttar Pradesh News: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार ने दिवाली से पहले प्रदेश के किसानों को बहुत बड़ा गिफ्ट दिया है. उनकी कैबिनेट ने खरीफ वर्ष 2025-26 के लिए मूल्य समर्थन योजना (MSP) के तहत धान और मोटे अनाज के लिए अलग-अलग खरीद नीति को मंजूरी दे. साथ ही धान सहित कई अनाजों के MSP में बढ़ोतरी की गई है. इस बार धान के MSP में 3 फीसदी की बढ़ोतरी की गई है, जो 69 रुपये प्रति क्विंटल है. सामान्य धान का MSP 2,369 रुपये प्रति क्विंटल, जबकि ग्रेड ‘ए’ धान का MSP 2,389 रुपये प्रति क्विंटल तय किया गया है. सरकार को उम्मीद है कि उसके इस फैसले से किसानों को बड़ा फायदा होगा. उनकी कमाई में बढ़ोतरी होगी.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, योगी सरकार की कैबिनेट ने धान के अलावा बाजरा के MSP में 150 रुपये, मक्का में 125 रुपये, और ज्वार (हाइब्रिड और मालदांडी किस्म) के MSP में 328 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी की है. मोटे अनाज की खरीद भी इस साल 1 अक्टूबर से शुरू होगी. इसके तहत 11 जिलों में ज्वार, 25 जिलों में मक्का और 33 जिलों में बाजरा की खरीद की जाएगी. यह खरीद प्रक्रिया 31 दिसंबर तक चलेगी. ऐसे मक्का का MSP 2400 रुपये प्रति क्विंटल, बाजरा का MSP 2775 रुपये प्रति क्विंटल, ज्वार (हाइब्रिड) का MSP 3699 रुपये प्रति क्विंटल और ज्वार (मालदांडी) का MSP 3749 रुपये प्रति क्विंटल तय किया गया है.

पश्चिमी यूपी में कब से शुरू होगी धान की खरीद

इस साल पश्चिमी यूपी में धान की खरीदी  1 अक्टूबर से शुरू होकर 31 जनवरी 2026 तक चलेगी, जबकि पूर्वी और मध्य यूपी में 1 नवंबर से 28 फरवरी तक खरीदी की जाएगी. इस बार भी धान की खरीद के लिए छह एजेंसियां काम करेंगी, जिसमें पीसीएफ, पीसीयू, यूपीएसएस, मंडी परिषद और एफसीआई शामिल हैं. ये एजेंसियां कुल 3300 खरीद केंद्रों के जरिए धान की खरीद करेंगी. इस बार भी 60 लाख टन धान खरीदने का लक्ष्य तय किया गया है.

48 घंटे के भीतर किसानों को होगा भुगतान

सभी खरीद केंद्रों पर किसानों की सुविधा के लिए नमी मापक यंत्र, इलेक्ट्रॉनिक कांटे और अन्य जरूरी व्यवस्थाएं की जाएंगी. किसानों से कॉमन, ग्रेड ‘ए’ और हाइब्रिड धान की भी खरीद की जाएगी. धान की खरीद कंप्यूटरीकृत खतौनी और आधार कार्ड  के आधार पर की जाएगी. राजस्व रिकॉर्ड से बोए गए रकबे का सत्यापन भी किया जाएगा. सभी एजेंसियां किसानों को धान का भुगतान केंद्र सरकार के PFMS पोर्टल के माध्यम से करेंगी. सत्यापन के बाद, 48 घंटे के भीतर पैसा सीधे किसानों के बैंक खाते में भेजा जाएगा.

प्रति क्विंटल 35 रुपये प्रोत्साहन राशि मिलेगी

वहीं, मिलर अगर 15 दिनों के अंदर डिपो में चावल जमा करते हैं तो उन्हें प्रति क्विंटल 35 रुपये प्रोत्साहन राशि  मिलेगी. अगर चावल जमा करने में 16 से 25 दिन लगते हैं तो 30 रुपये प्रति क्विंटल प्रोत्साहन दिया जाएगा. हाईब्रिड धान पर राज्य सरकार राइस मिलों को कस्टम मिल्ड राइस (CMR) रिकवरी के अनुसार 3 फीसदी चावल देगी. सभी जिलों में GPS से लैस वाहनों के जरिए क्रय केंद्रों से राइस मिलों तक धान पहुंचाया जाएगा और इसकी ट्रैकिंग की जाएगी. इसके लिए ई-उपार्जन पोर्टल को भारत सरकार के परिवहन विभाग के यू-लिप पोर्टल से जोड़ा गया है.

Published: 27 Sep, 2025 | 02:05 PM

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