ISMA ने दी बड़ी खुशखबरी: 2025-26 में बढ़ेगा भारत का चीनी उत्पादन

2024-25 में गन्ने की पैदावार कम होने की वजह से चीनी उत्पादन घटकर 29.5 मिलियन टन पर आ गया था, जो पिछले पांच सालों का सबसे कम स्तर था. लेकिन महाराष्ट्र और कर्नाटक जैसे प्रमुख गन्ना उत्पादक राज्यों में गन्ने की बुवाई बेहतर हुई है.

Kisan India
नई दिल्ली | Published: 5 Jun, 2025 | 08:18 PM

भारत की चीनी उत्पादन (Sugar Production) 2025-26 के सीजन में फिर से बढ़ने की संभावना है. इंडियन शुगर एंड बायो-एनर्जी मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (ISMA) के मुताबिक, बेहतर गन्ने की बुवाई और अनुकूल मौसम के कारण अगले सीजन में 29.5 मिलियन टन से ज्यादा चीनी उत्पादन हो सकता है. पिछले सीजन में उत्पादन पांच साल के निचले स्तर पर था, लेकिन मजबूत मानसून की उम्मीद और स्टॉक की उपलब्धता से स्थिति बेहतर होगी.

चीनी उत्पादन में उछाल की वजहें

2024-25 में गन्ने की पैदावार कम होने की वजह से चीनी उत्पादन घटकर 29.5 मिलियन टन पर आ गया था, जो पिछले पांच सालों का सबसे कम स्तर था. लेकिन महाराष्ट्र और कर्नाटक जैसे प्रमुख गन्ना उत्पादक राज्यों में गन्ने की बुवाई बेहतर हुई है. साथ ही, मौसम भी गन्ना खेती के लिए अनुकूल बना है. ISMA के डायरेक्टर जनरल दीपक बल्लानी के अनुसार, इस बार crushing season (गन्ना कटाई का सीजन) अक्टूबर 2025 में समय पर शुरू होगा.

मानसून की भूमिका

भारतीय मौसम विभाग ने 2025 के लिए सामान्य से ऊपर दक्षिण-पश्चिम मानसून की भविष्यवाणी की है, जो गन्ना की खेती के लिए बहुत जरूरी है. बेहतर बारिश से खेतों में गन्ने की वृद्धि अच्छी होगी, जिससे उत्पादन में सुधार होगा.

स्टॉक और घरेलू मांग

ISMA ने बताया है कि अक्टूबर 2025 तक भंडारण में लगभग 5.2 से 5.3 मिलियन टन चीनी बची रहेगी, जो नए सीजन के शुरुआती दो महीनों के घरेलू उपयोग के लिए पर्याप्त होगी. चालू सीजन की शुरुआत 8 मिलियन टन स्टॉक के साथ हुई थी.

ईथेनॉल उत्पादन और निर्यात

चीनी उद्योग में से 3.3 से 3.4 मिलियन टन चीनी ईंधन के लिए ईथेनॉल उत्पादन में जाएगी, जो पिछले सीजन से ज्यादा है. 2023-24 में यह मात्रा केवल 2.15 मिलियन टन थी. सरकार ने 2024-25 के सीजन में निर्यात को भी 1 मिलियन टन तक सीमित किया है. घरेलू मांग 28 मिलियन टन के आसपास रहने की उम्मीद है.

नए सीजन की उम्मीदें

2025-26 के लिए ISMA जुलाई या अगस्त में उत्पादन के पहले अनुमान जारी करेगा, जो उपग्रह इमेज और खेतों के सर्वे पर आधारित होगा. किसानों को भी इस बार 355 रुपए प्रति क्विंटल गन्ने के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य मिलेगा, जो पिछले सीजन से 4 फीसदी ज्यादा है.

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