क्या है भारत-यूके फ्री ट्रेड डील? आपकी जेब, किसान और कारोबार पर क्या पड़ेगा असर

इस डील में भारत से 99 फीसदी निर्यात वस्तुओं पर ब्रिटेन में टैक्स नहीं लगेगा, वहीं, भारत भी यूके से आने वाले 90 फीसदी प्रोडक्ट्स पर टैरिफ कम करेगा.

Kisan India
नई दिल्ली | Updated On: 25 Aug, 2025 | 02:10 PM

भारत और ब्रिटेन के बीच जल्द ही एक बड़ा व्यापारिक करार होने जा रहा है- फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA). प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लंदन यात्रा के दौरान इस पर हस्ताक्षर की उम्मीद है. ये कोई सामान्य समझौता नहीं, बल्कि ऐसा करार है जो दोनों देशों के बीच व्यापार के रास्ते खोल देगा, टैक्स की दीवारें तोड़ेगा और बाजार में सस्ते-महंगे के समीकरण बदल देगा.

इसका असर सिर्फ बिजनेस तक सीमित नहीं रहेगा. यह आपकी जेब से लेकर खेती-किसानी और नौकरी तक को प्रभावित करेगा. आइए जानते हैं कि इस FTA से भारत को क्या मिलेगा और किसे क्या तैयारी करनी होगी.

फ्री ट्रेड एग्रीमेंट क्या होता है?

फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) एक ऐसा समझौता होता है जिसमें दो देश आपस में तय करते हैं कि उनके बीच होने वाले आयात-निर्यात पर कस्टम ड्यूटी या टैक्स बहुत कम या खत्म कर दिया जाएगा. इससे सामान सस्ता होता है, व्यापार बढ़ता है, और दोनों देशों के लोगों को ज्यादा विकल्प और कीमतों में राहत मिलती है.

भारत और यूके की डील के तहत

इस डील में भारत से 99 फीसदी निर्यात वस्तुओं पर ब्रिटेन में टैक्स नहीं लगेगा, वहीं, भारत भी यूके से आने वाले 90 फीसदी प्रोडक्ट्स पर टैरिफ कम करेगा.

आम लोगों को क्या फायदा होगा?

अगर आप शहरी उपभोक्ता हैं तो इस डील से आपकी रोजमर्रा की जिंदगी में कुछ सकारात्मक बदलाव नजर आ सकते हैं:

  • मोबाइल, लैपटॉप, इलेक्ट्रॉनिक्स: यूके से आयात आसान होने से ये प्रोडक्ट्स सस्ते हो सकते हैं.
  • कपड़े और जूते: विदेशी ब्रांड्स की एंट्री और ज्यादा विकल्प से कीमतें नीचे आ सकती हैं.
  • दवा और हेल्थ प्रोडक्ट्स: भारत की फार्मा कंपनियां यूके में ज्यादा एक्सपोर्ट कर पाएंगी. इससे दवाओं की उपलब्धता और गुणवत्ता बेहतर हो सकती है.
  • फैशन और टेक्नोलॉजी: इन सेक्टरों को नई रफ्तार मिलेगी, जिससे बाजार में नई वैरायटी आएगी.

खेती और किसान क्या करें?

ये डील सिर्फ बाजारों की नहीं है, बल्कि खेतों तक असर पहुंचाने वाली है. अच्छी खबर यह है कि धान, गेहूं, दाल जैसे जरूरी कृषि उत्पादों को अभी भी सुरक्षा मिली हुई है, यानी विदेशी माल की बाढ़ नहीं आएगी.

बागवानी, फूलों, जैविक खाद्य (ऑर्गेनिक), प्रोसेस्ड फूड जैसे सेक्टरों में ब्रिटिश कंपनियों का मुकाबला बढ़ेगा. किसानों को तकनीक, पैकेजिंग और क्वालिटी में सुधार करना होगा.

ऑर्गेनिक चाय, मसाले, मछली, कपास जैसे उत्पाद अब यूके में टैक्स फ्री जा सकेंगे, जिससे किसानों को नया बाजार मिलेगा और उनकी आमदनी बढ़ सकती है.

रोजगार और कारोबार को कैसे मिलेगा बढ़ावा?

इस नए समझौते से भारत के टेक्सटाइल, ज्वेलरी, आईटी और मरीन सेक्टर से जुड़े लोगों के लिए अच्छे दिन आ सकते हैं। इन्हें विदेशों से नए ऑर्डर मिलने की संभावना है, जिससे रोजगार के मौके बढ़ेंगे। छोटे उद्यमों, स्टार्टअप्स और MSMEs को भी नया बाजार मिलेगा और वे अपने उत्पादों को वैश्विक मंच पर ले जा सकेंगे। इससे भारत के निर्यातकों को अंतरराष्ट्रीय पहचान मिल सकती है, जो लंबे समय में देश की अर्थव्यवस्था के लिए फायदेमंद होगा।

ध्यान देने योग्य बातें

  • हर चीज सस्ती नहीं होगी-कुछ सेक्टर जैसे स्टील और ऑटो में कीमतें बढ़ सकती हैं.
  • छोटे किसानों को मार्केटिंग और टेक्नोलॉजी में सुधार करना होगा, नहीं तो विदेशी कंपनियों से मुकाबला मुश्किल हो जाएगा.
  • नौकरियों की गुणवत्ता और वेतन में भी असंतुलन आ सकता है.

भारत-यूके फ्री ट्रेड डील एक बड़ा आर्थिक मौका है, लेकिन यह तभी फायदेमंद होगी जब हम सभी इसके लिए तैयार रहें उपभोक्ता, किसान, व्यापारी और सरकार. कुछ चीजें सस्ती होंगी, कुछ महंगी भी, लेकिन सबसे जरूरी बात यह है कि भारत के किसानों, स्टार्टअप्स और युवाओं को दुनिया के बड़े बाजार में अपनी जगह मिल सकती है.

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Published: 24 Jul, 2025 | 08:44 AM

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