कश्मीर के सेब अब पहुंचेंगे और तेजी से, दिल्ली तक शुरू हुई रोजाना रेल सेवा

कश्मीर का सेब उद्योग राज्य की अर्थव्यवस्था की रीढ़ माना जाता है. यहां हर साल लाखों टन सेब देश और विदेश भेजे जाते हैं. समय पर और सुरक्षित परिवहन से किसानों को न सिर्फ सही कीमत मिलेगी बल्कि बिचौलियों पर निर्भरता भी कम होगी. रेलवे की यह पहल किसानों को बाजार से सीधे जुड़ने और बेहतर मुनाफा कमाने का मौका देगी.

Kisan India
नई दिल्ली | Published: 12 Sep, 2025 | 07:25 AM

कश्मीर की खूबसूरत वादियां न सिर्फ अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए मशहूर हैं, बल्कि यहां के सेबों का स्वाद भी दुनिया भर में लोकप्रिय है. लेकिन हर साल सड़क मार्ग बंद होने से किसानों को भारी नुकसान झेलना पड़ता है. अब इस समस्या से राहत देने के लिए भारतीय रेल ने एक नई पहल की है. 13 सितंबर से उत्तरी रेलवे ने कश्मीर के बडगाम से दिल्ली के आदर्श नगर तक रोजाना पार्सल रेल सेवा शुरू करने का ऐलान किया है. यह सेवा खास तौर पर सेब और अन्य नाशवंत उत्पादों को सुरक्षित और समय पर पहुंचाने के लिए शुरू की गई है.

रोज चलेगी सेब एक्सप्रेस

बिजनेस लाइन की खबर के अनुसार, रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर जानकारी देते हुए बताया कि जम्मूश्रीनगर रेल लाइन के पूरी तरह चालू होने के बाद अब कश्मीर घाटी की कनेक्टिविटी और मजबूत हुई है. इसी के तहत बडगाम से दिल्ली के आदर्श नगर स्टेशन तक रोजाना तय समय पर पार्सल ट्रेन चलाई जाएगी. 13 सितंबर से शुरू हो रही इस सेवा का मकसद कश्मीर के सेब किसानों को बेहतर परिवहन सुविधा देना है. पहले दिन ही बडगाम स्टेशन से दो पार्सल वैन में सेब की पहली खेप दिल्ली के लिए रवाना की गई.

845 किलोमीटर की लंबी यात्रा

उत्तरी रेलवे के आदेश के मुताबिक यह ट्रेन रोजाना 845 किलोमीटर का सफर तय करेगी. रास्ते में यह जम्मू, उधमपुर, पठानकोट, जालंधर, लुधियाना और अंबाला जैसे प्रमुख स्टेशनों पर रुकेगी. ट्रेन में कुल आठ पार्सल वैन और एक लगेज वैन होगी. रेल अधिकारियों ने बताया कि नाशवंत सामान को समय पर लोड और अनलोड करने के लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं ताकि सफर के दौरान किसी भी तरह का नुकसान न हो. इसके अलावा रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स और वाणिज्यिक विभाग के कर्मचारी पूरे सफर पर नजर रखेंगे.

किसानों को मिलेगा बड़ा फायदा

कश्मीर के बागवानों के लिए यह सेवा किसी राहत से कम नहीं है. हर साल जम्मूश्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर भूस्खलन और खराब मौसम के कारण लंबी बंदी रहती है. इस वजह से सेब की ढुलाई प्रभावित होती है और किसानों को करोड़ों का नुकसान झेलना पड़ता है. इस साल भी सड़क बंद होने से सेब उद्योग को करीब 700 से 750 करोड़ रुपये का नुकसान होने का अनुमान है. बडगाम के किसान मुश्ताक अहमद ने बताया कि “कटाई का मौसम चरम पर है. यह रेल सेवा हमारी उपज को समय पर मंडियों तक पहुंचाने में मदद करेगी और हमें सही दाम मिल पाएगा.”

दक्षिण कश्मीर के किसानों की मांग

हालांकि कई किसानों का कहना है कि यह सेवा तभी पूरी तरह सफल होगी जब इसे कश्मीर के अन्य हिस्सों से भी जोड़ा जाए. उनका सुझाव है कि दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग और शोपियां जैसे जिलों में भी लोडिंग की सुविधा मिले ताकि वहां के बागवान भी सीधे इस ट्रेन का लाभ उठा सकें.

सेब कारोबार को नई रफ्तार

कश्मीर का सेब उद्योग राज्य की अर्थव्यवस्था की रीढ़ माना जाता है. यहां हर साल लाखों टन सेब देश और विदेश भेजे जाते हैं. समय पर और सुरक्षित परिवहन से किसानों को न सिर्फ सही कीमत मिलेगी बल्कि बिचौलियों पर निर्भरता भी कम होगी. रेलवे की यह पहल किसानों को बाजार से सीधे जुड़ने और बेहतर मुनाफा कमाने का मौका देगी.

कश्मीर से दिल्ली तक रोजाना चलने वाली यह पार्सल ट्रेन न सिर्फ सेब बल्कि अन्य फलों और सब्जियों के परिवहन के लिए भी उपयोगी साबित होगी. किसानों का कहना है कि यह सेवा उनकी मेहनत को नई पहचान देगी और घाटी के मीठे सेब अब और भी तेजी से देश की थालियों तक पहुंच पाएंगे.

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Published: 12 Sep, 2025 | 07:25 AM

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