Mandi Rate: केरल में ओणम की तैयारियां शुरू हो हुई हैं. लोग जरूरी चीजों की मार्केट से जमकर खरीदारी कर रहे हैं. लेकिन इसी बीच महंगाई में इजाफा हुआ है, जिससे लोगों की चिंता बढ़ गई है. ऐसे महंगाई का सबसे ज्यादा असर नारियल तेल के ऊपर देखने को मिल रहा है. एक साल पहले तक जो नारिय का तेल 160 रुपये लीटर बिक रहा था, अब उसकी कीमत बढ़कर 500 रुपये हो गई है. यानी कीमत में 212.5 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. इससे आम जनता के किचन का बजट बिगड़ गया है, क्योंकि केरल में पारंपरिक रसोई में नारियल तेल का ही इस्तेमाल किया जाता है.
द न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, नारियल तेल महंगा होने की वजह से अब लोग पाम ऑयल की ओर रुख कर रहे हैं. इस बीच बाजार में मिलावटी नारियल तेल आने की भी खबरें हैं, जो स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हो सकता है. कहा जा रहा है कि नारियल तेल की सबसे बड़ी उत्पादक कंपनी केराफेड ने अपने तेल का दाम 529 प्रति लीटर कर दिया है, जबकि कई लोकप्रिय ब्रांड्स के दाम 600 रुपये से ऊपर जा चुके हैं. बाजार में नारियल की खुदरा कीमत 75 से 85 प्रति किलो तक है.
नारियल का औसतन रेट 62 रुपये प्रति किलो
केराफेड के मैनेजिंग डायरेक्टर साजू सुरेंद्रन ने कहा कि ओणम के समय नारियल तेल की कोई कमी नहीं होगी, क्योंकि जनवरी से जून तक हमारे पास औसतन 912.2 मीट्रिक टन कोपरा का स्टॉक रहा है. किसानों का कहना है कि उन्हें अब नारियल का औसतन 62 रुपये प्रति किलो का भाव मिल रहा है, जो कि एक तरह से बंपर रेट माना जा रहा है. कुछ साल पहले यही रेट सिर्फ 8 रुपये प्रति किलो था. हालांकि, रेट बढ़ने से किसानों को खुशी तो मिली है, लेकिन वे इसका पूरा फायदा नहीं उठा पा रहे हैं, क्योंकि इस साल उत्पादन काफी कम हुआ है.
इस वजह से बढ़ी कीमत
पलक्कड़ के एक किसान ने कहा कि 2024 में पड़े सूखे की वजह से नारियल का उत्पादन घट गया, इसलिए कीमतें बढ़ी हैं. अब पिछले कुछ महीनों में अच्छी बारिश होने से उत्पादन फिर से बढ़ने लगा है. उम्मीद है कि दिसंबर 2025 तक हालात सामान्य हो जाएंगे और उसके बाद दामों में गिरावट आ सकती है. वरप्पेट्टी कोऑपरेटिव सोसाइटी के अध्यक्ष एमजी रामकृष्णन का कहना है कि अमेरिका में ड्राय नारियल पाउडर और नारियल दूध की मांग बढ़ी है. साथ ही उत्तर भारत और पश्चिम एशिया में नारियल पानी की डिमांड में तेजी और साथ ही उत्पादन में गिरावट आई है. इससे भी कीमतों में बढ़ोतरी हुई है.
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