Animal Husbandry Rabies: कुत्ते के काटने के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. इंसान के साथ-साथ मवेशी भी कुत्ते के काटने से परेशान हैं. हालांकि, लोगों को लगता है कि कुत्ते के काटने से केवल इंसान को रेबीज होता है, लेकिन ऐसी बात नहीं है. कुत्ते के काटने से मवेशियों में जहर फैल जाता है और उन्हें भी रेबीज हो जाता है. ऐसे में कुत्ते के काटने पर इंसान के साथ-साथ मवेशियों का भी इलाज कराना जरूरी है. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या रेबीज से पीड़ित गाय-भैंस का दूध का सेवना करना चाहिए या नहीं. क्योंकि कई लोग इसे हेल्थ के लिए हानिकारक मानते हैं. तो आइए आज जानते हैं रेबीज से पीड़ित गाय-भैंस को लेकर पशु चिकित्सक क्या कहते हैं.
दरअसल, लोग सोचते हैं कि रेबीज सिर्फ कुत्तों में होता है, लेकिन पशु चिकित्सकों का मानना है कि यह बीमारी गाय, भैंस जैसे बड़े पशुओं में भी फैल सकती है. पशु एक्सपर्ट के अनुसार, अगर कोई रेबीज-ग्रस्त कुत्ता गाय या भैंस को काट ले, तो वायरस उनके शरीर में पहुंच सकता है. बड़े पशुओं में इसके लक्षण आमतौर पर साफ नजर नहीं आते, लेकिन खतरा बना रहता है. सबसे ज्यादा सावधानी की जरूरत तब होती है जब लोग ऐसे संक्रमित पशुओं का कच्चा दूध पी लेते हैं, क्योंकि इससे इंसानों में भी संक्रमण का जोखिम बढ़ जाता है.
बैक्टीरिया फैलने की संभावना बढ़ सकती है
यानी अगर कोई पशु रेबीज के संदेह में हो, तो उसका कच्चा दूध बिल्कुल नहीं पीना चाहिए, क्योंकि इससे वायरस इंसान तक पहुंच सकता है. अच्छी बात यह है कि दूध को अच्छी तरह उबालने पर रेबीज वायरस नष्ट हो जाता है. इसलिए उबला हुआ दूध पीना सुरक्षित माना जाता है. डॉक्टर यह भी कहते हैं कि गाय और भैंस दूध देने से पहले अपना थन चाट लेती हैं, जिससे हल्का संक्रमण होने पर बैक्टीरिया फैलने की संभावना बढ़ सकती है. यह बड़ा खतरा नहीं है, लेकिन साफ-सफाई और सावधानी हमेशा जरूरी है. ध्यान रखें कि किसी भी संदिग्ध स्थिति में पशु चिकित्सक की सलाह जरूर लें.
समय-समय पर रेबीज और अन्य जरूरी टीके लगवाते रहें
पशुपालकों के लिए सबसे जरूरी बात यह है कि अपने पशुओं को समय-समय पर रेबीज और अन्य जरूरी टीके लगवाते रहें. इससे न सिर्फ जानवर सुरक्षित रहते हैं, बल्कि पशुपालक और उनका परिवार भी संक्रमण के खतरे से बच जाता है. अगर किसी कुत्ते ने गाय या भैंस को काट लिया हो, तो बिना देर किए पशु चिकित्सक से सलाह लें और पशु को रेबीज का टीका जरूर लगवाएं.