Mandi Bhav: टमाटर-भिंडी, धनिया और लौकी सब्जियों पर मौसम की मार.. महंगी कीमतों ने बजट बिगाड़ा

सब्जी मंडी के दुकानदार ने बताया कि बारिश के चलते खेतों में सब्जियों का नुकसान होने के कारण भाव 50% से लेकर दोगुने हो गए हैं जिसके चलते बाजारों में खरीददार कम हो गए हैं.

रिजवान नूर खान
पणजी | Updated On: 7 Aug, 2025 | 06:48 PM

भारी बारिश के चलते जहां किसानों के खेत में खड़ी फसलें पानी में डूबी हुई हैं तो वहीं, सब्जियां लेकर दूसरे शहरों को निकले ट्रक लगातार बारिश के चलते कई दिनों से मंडियों में फंसे हुए हैं. इस सबके चलते सब्जियों की कीमतों ने आसमान छू लिया है. सबसे ज्यादा महंगाई टमाटर, भिंडी, लौकी, धनिया और पालक में देखने को मिल रही है. सब्जियों की कीमतों 50 फीसदी से लेकर 100 फीसदी तक का उछाल दर्ज किया गया है.

बारिश के चलते सब्जियों की फसलों को भारी नुकसान होने के कारण जहां सब्जी मंडियों मे सब्जी की आवक कम हो गई है. वहीं, मांग ज्यादा होने के कारण सब्जियों के रेट आसमान छू रहे हैं और लगभग सब्जियों की कीमत 50% से दोगुनी हो गई है. टमाटर से लेकर भिंडी तोरी – लोकी, धनिया पालक और बेलदार सब्जियां लोगों की पहुंच से दूर जा चुकी हैं. लोग महंगाई की मार को झेलने को मजबूर हो गए हैं.

दोगुने के पार हुए सब्जियों के दाम

दरअसल हर साल बारिशों के मौसम में सब्जियों के दाम आसमान को छूने लगते हैं और इस बार भी आलम पिछले सालों की तरह ही दिखाई दे रहे हैं. सब्जी मंडी के दुकानदार ने बताया कि बारिश के चलते खेतों में सब्जियों का नुकसान होने के कारण भाव 50% से लेकर दोगुने हो गए हैं जिसके चलते बाजारों में खरीददार कम हो गए हैं जबकि त्यौहार के इस मौसम में सिर्फ घेवर और मिठाई की दुकानों पर ही लोगों की भीड़ है.

दाम नीचे आने में लगेंगे कई सप्ताह

दुकानदारों का कहना है कि लगभग दो महीने तक हालात ऐसे ही रहने वाले हैं. हालांकि, किसानों और थोक व्यापारियों का कहना है कि कुछ सप्ताह दाम थोड़े चढ़े रहेंगे लेकिन, बारिश थमने के बाद कीमतें नीचे लुढ़केंगी. खरीदारी करने वाली महिलाओं ने बताया कि तमाम सब्जियां उनकी पहुंच से बाहर हो चुकी हैं. ऐसे में वह जहां 1 किलो की खरीद करती थीं अब आधा किलो ही ले रही हैं. उनका कहना है कि भाव बढ़ने से उनका बजट भी बिगड़ चुका है.

इस वजह से बढ़ रहे दाम

पहाड़ी राज्यों में बाढ़ और भूस्खलन और बिहार, बंगाल में और यूपी के कुछ हिसों में नदियां उफनाने से फसलें डूबी हुई हैं. इसके चलते सब्जियों का परिवहन भी मंडियों में करना मुश्किल हो गया है. ऐसे में मांग के अनुरूप सप्लाई नहीं मिल पा रही है, जिसका असर बढ़ती कीमतों के रूप में देखने को मिल रहा है.

2023 में 250 रुपये पहुंच गया था टमाटर का भाव

बता दें कि बीते महीने जुलाई की 26 तारीख को जहां टमाटर 50 रुपये प्रति किलो था, वहीं 2 अगस्त तक यह 100 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गया. रिटेल दुकानों में यह 120 रुपये प्रति किलो तक बिक रहा है. पिछले साल टमाटर की कीमत 120 रुपये प्रति किलो तक पहुंची थी, जबकि 2023 में हिमाचल में बाढ़ के समय यह रिकॉर्ड 250 रुपये प्रति किलो तक चला गया था.

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Published: 7 Aug, 2025 | 06:43 PM

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