बेमौसम बारिश से केवल महाराष्ट्र में नहीं, बल्कि मध्य प्रदेश में प्याज की फसल बर्बाद हो रही है. फसल नुकसान का ताजा मामला इंदौर जिले में सामने आया है, जहां शनिवार को आई अचानक बारिश और तेज आंधी ने किसानों की मुसीबतें और बढ़ा दीं. इस बेमौसम बारिश के चलते खेतों में तैयार और कटी हुई प्याज की फसलें भीग गईं, जिससे उनके सड़ने और खराब होने का खतरा बढ़ गया है. ऐसे में किसानों को आर्थिक नुकसान होने का भय सता रहा है. किसानों ने सरकार से मुआवजे की मांग की है. इसी बीच प्याज की मंडी रेट में भारी गिरावट आई है.
दरअसल, इंदौर जिले में किसान इन दिनों प्याज की कटाई में जुटे हैं. लेकिन पिछले दो हफ्तों से हर शाम बारिश हो रही है. इससे प्याज की फसल को नुकसान पहुंच रहा है. शनिवार को आए तूफान और बारिश ने खेतों में रखी प्याज की बोरियों को पूरी तरह भिगो दिया, जिससे फसल बर्बादी के कगार पर पहुंच गई है.
किसानों को हो रहा आर्थिक नुकसान
द फ्री प्रेस जर्नल की रिपोर्ट के मुताबिक, किसान नेता बबलू जाधव ने कहा कि इस सीजन में यह तीसरी बार है जब बारिश ने हमारी प्याज की फसल को नुकसान पहुंचाया है. कई किसान तो लागत भी नहीं निकाल पा रहे हैं. उनके साथियों शैलेंद्र पटेल और चंदन सिंह बड़वाया ने भी ऐसी ही चिंता जताई और कहा कि किसानों की आर्थिक हालत और बिगड़ती जा रही है.
प्याज के रेट में भारी गिरावट
इस बीच मंडियों में प्याज के दाम गिरकर 5 रुपये से 8 रुपये प्रति किलो तक आ गए हैं, जो कि लागत से भी कम हैं. किसानों का कहना है कि ऐसे दामों पर बेचने से उन्हें कमाई नहीं, उल्टा नुकसान हो रहा है. ऐसे में किसानों ने सरकार से तुरंत हस्तक्षेप की मांग की है. उन्होंने फसल नुकसान के लिए मुआवजा, बेहतर समर्थन मूल्य और प्रभावी फसल बीमा जैसी राहतें देने की अपील की है. शैलेंद्र पटेल ने कहा कि हम कोई भीख नहीं मांग रहे, हम न्याय की मांग कर रहे हैं. अगर समय पर राहत नहीं मिली, तो कई किसान खेती छोड़ने को मजबूर हो जाएंगे.